राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश, जेल में सुधार के निर्देशों की पालना रिपोर्ट जल्द पेश करे सरकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण से जुड़े मामले में राज्य सरकार को अदालती आदेश की पालना में उठाए गए कदमों की जानकारी 4 सप्ताह में पेश करने को कहा है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण से जुड़े मामले में राज्य सरकार को अदालती आदेश (Court Order) की पालना में उठाए गए कदमों की जानकारी 4 सप्ताह में पेश करने को कहा है। अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि ठोस जानकारी नहीं दी गई, तो अदालत संबंधित विभागों के सचिवों को तलब करेगी। जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सरकार ने की सिर्फ खानापूर्ति
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि अदालती आदेश की पालना में राज्य सरकार ने पालना रिपोर्ट पेश की है, लेकिन इसमें सिर्फ खानापूर्ति ही की गई है। रिपोर्ट में बजट आवंटन को लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है, सिर्फ भविष्य में आवंटन की बात कही गई है। इस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार बजट आवंटन हो गया, तो फिर टेंडर जारी करने में अफसरों को भी मजा आएगा।
जेलों में सीलन, गंदा पानी भर रहा
न्यायमित्र ने अदालत को बताया कि एक ओर राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट में बिंदुवार दिए निर्देशों की पालना बताने में असमर्थ रही है, वहीं दूसरी ओर जिला जजों ने अपनी रिपोर्ट में कई कमियां बताई हैं। लगभग सभी जेलों के भवन में सीलन आ रही है। कई जेलों की छतों से पानी टपक रहा है। एक जेल में तो सीवरेज का पानी भर रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि जेल, कारागृह है या सुधार गृह या नरकगृह। ऐसे हालातों में कोई अपराधी जेल में रहेगा, तो वह सुधर नहीं सकता।
वहीं खंडपीठ के जज भुवन गोयल ने कहा कि वे साल 1992 से जेलों का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन जेल के हालातों में सुधार नहीं मिल रहा है। अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल को कहा कि फरीदाबाद स्थित जेल आदर्श जेल है। वहां दौरा कर सर्वे करना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को ठोस जवाब पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। गौरतलब है कि जेल के विकट हालातों पर अदालत ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। वहीं साल 2018 में राज्य सरकार को करीब तीन दर्जन बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए थे।
FAQ
1. राजस्थान हाईकोर्ट ने जेलों के सुधार के लिए राज्य सरकार से क्या रिपोर्ट मांगी है?
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जेलों में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी 4 सप्ताह में पेश करने को कहा है।
2. राज्य सरकार की रिपोर्ट में क्या कमियां पाई गईं?
राज्य सरकार की रिपोर्ट में बजट आवंटन के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी, और केवल भविष्य में आवंटन करने की बात की गई थी।
3. फरीदाबाद स्थित आदर्श जेल के दौरे का क्या उद्देश्य था?
अदालत ने राज्य सरकार को फरीदाबाद स्थित आदर्श जेल का दौरा करने का निर्देश दिया, ताकि जेल सुधार की बेहतर व्यवस्था और प्रबंधन को समझा जा सके।