राजस्थान में जयपुर के आरटीओ ऑफिस में ई-रिक्शा सब्सिडी धोखाधड़ी

राजस्थान में जयपुर के जगतपुरा आरटीओ ऑफिस में गलत तरीके से ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन कर सब्सिडी लेने का मामला सामने आया है। 15 लाख का फर्जीवाड़ा हुआ।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rto jaipur

जयपुर के जगतपुरा में स्थित आरटीओ ऑफिस। Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान (Rajasthan News) के जयपुर शहर में जगतपुरा स्थित आरटीओ (RTO) ऑफिस में एक बड़ा धोखाधड़ी मामला सामने आया है, जिसमें गलत तरीके से ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन के जरिए सब्सिडी का फायदा उठाया गया। यह धोखाधड़ी लगभग 15 लाख रुपये की बताई जा रही है(ई-रिक्शा सब्सिडी धोखाधड़ी)। दरअसल, सरकार के आदेश के तहत एक व्यक्ति केवल एक ही ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन कराकर सब्सिडी ले सकता है, लेकिन 56 लोगों ने मिलकर 122 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन करा लिया और फर्जी तरीके से सब्सिडी का लाभ उठाया।

क्या है मामला?

आरटीओ के निर्देश पर डीटीओ (DTO) द्वारा की गई जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि वाहन सॉफ्टवेयर में एक ही नाम से कई वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता था। चूंकि सॉफ्टवेयर में इस स्थिति की चेकिंग करने का कोई विकल्प नहीं था, इस ग़लत फीचर का फायदा उठाकर इन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया और सब्सिडी प्राप्त की।

सब्सिडी की सबसे ज्यादा रकम किसने उठाई?

कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने निर्धारित सीमा से अधिक ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन कराकर सबसे ज्यादा सब्सिडी ली। इनमें अजय सिंह राठौड़, फरहान अहमद, कमल सिंह राठौड़, मोहम्मद शाकिर कुरैशी, मुकेश मेहरा, प्रमोद कुमार, वीरेंद्र सिंह और शिवानी सेठ का नाम प्रमुख है। इन्होंने तीन से पांच ई-रिक्शा तक का रजिस्ट्रेशन कराया, जिसके चलते लगभग 7.36 लाख रुपये की सब्सिडी इन व्यक्तियों को मिली।

अधिकारी क्या कह रहे हैं? 

परिवहन विभाग के अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार, वाहन सॉफ्टवेयर में एक से अधिक वाहन रजिस्ट्रेशन की जांच करने का कोई विकल्प नहीं था। अब इस धोखाधड़ी (ई-रिक्शा सब्सिडी धोखाधड़ी) का पता चलने के बाद सभी आरोपियों को राशि जमा करने का नोटिस जारी किया गया है। अगर यह राशि नहीं जमा की जाती है, तो सभी गलत तरीके से रजिस्टर किए गए ई-रिक्शा को जब्त कर लिया जाएगा और धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

क्या होगा आगे?

अब परिवहन विभाग ने सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है। विभाग के अधिकारी इस मामले में पूरी जांच करने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा देने की तैयारी कर रहे हैं।

FAQ

1. ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी कैसे की गई?
ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी वाहन सॉफ्टवेयर में एक नाम से कई वाहनों का रजिस्ट्रेशन करके की गई। चूंकि सॉफ्टवेयर में यह जांचने का विकल्प नहीं था, इसलिए इस खामी का फायदा उठाकर धोखाधड़ी की गई। (E-Rickshaw Registration Fraud)
2. आरटीओ ऑफिस द्वारा इस धोखाधड़ी को कैसे पकड़ा गया?
डीटीओ यात्री वाहन की ओर से की गई जांच के दौरान यह धोखाधड़ी सामने आई। जांच में पाया गया कि एक नाम से कई वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, और सब्सिडी का गलत तरीके से फायदा उठाया गया। (RTO Fraud Investigation)
3. दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
दोषियों को राशि जमा करने का नोटिस जारी किया गया है। अगर वे राशि जमा नहीं करते, तो उनके रजिस्ट्रेशन किए गए ई-रिक्शा को जब्त कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाएगा। (Action Against E-Rickshaw Fraud)

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें

📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Rajasthan News Rajasthan जयपुर RTO