राजस्थान : परिवहन विभाग घोटाला, ऑटो रिक्शा के नंबर पर कार का रजिस्ट्रेशन

राजस्थान में क्षेत्रीय परिवहन विभाग के कार्यालयों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यह गिरोह खासकर झुंझुनूं आरटीओ कार्यालय में सक्रिय था। इस घोटाले में थ्री डिजिट नंबरों को फर्जी तरीके से दूसरे वाहनों पर ट्रांसफर किया गया।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में क्षेत्रीय परिवहन विभाग के कार्यालयों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में थ्री डिजिट नंबरों को फर्जी तरीके से दूसरे वाहनों पर ट्रांसफर किया गया। यह गिरोह खासकर झुंझुनूं आरटीओ कार्यालय में सक्रिय था। 

झुंझुनूं आरटीओ कार्यालय से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा अब राजस्थान के अन्य हिस्सों में फैल चुका है। वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ। विभाग द्वारा जांच की गई और 659 वाहनों के नंबरों की जांच में 653 वाहनों के नंबर में गड़बड़ी पाई गई। जैसे ही विभाग ने जांच शुरू की, यह घोटाला और बड़े रूप में  सामने आया।

फर्जी ट्रांसफर की प्रक्रिया

इस घोटाले में खास तौर पर ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर और बाइक के नंबरों को फर्जी तरीके से लग्जरी कारों पर ट्रांसफर किया गया। कई वाहनों के नंबरों का कोई रिकॉर्ड ही परिवहन विभाग के पोर्टल पर नहीं था। आरटीओ राजस्थान के घोटाले ने सभी को चौंकाया है।
अधिकारियों और बाबुओं ने मिलकर बाइक के वाहनों के नंबरों को बिना किसी रिकॉर्ड के ट्रांसफर कर दिया था। विभाग की जांच में यह सामने आया कि 183 वाहनों के नंबरों का रिकॉर्ड था, लेकिन 476 नंबरों का कोई रेकॉर्ड नहीं मिला।

सलूंबर में नया गढ़

झुंझुनूं आरटीओ से शुरू हुआ यह फर्जीवाड़ा बाद में सलूंबर, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर, भरतपुर और अन्य जिलों में फैल गया। अधिकारियों ने अपने तबादलों के बाद सलूंबर कार्यालय में इस गिरोह को सक्रिय किया। 
आरटीओ राजस्थान के घोटाले यह गिरोह छोटे जिलों के आरटीओ कार्यालयों को निशाना बनाता था और वहां से बड़ी संख्या में नंबरों की फर्जी ट्रांसफर की जाती थी।

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लाखों का कारोबार

इस घोटाले में जो गिरोह शामिल था, वह पुराने वाहनों के नंबरों को फर्जी तरीके से हासिल करने के लिए 10 लाख रुपये तक खर्च करता था। इसके बाद यह नंबर बड़े सौदों में 35 लाख रुपये तक बिकते थे। 
इस पूरी प्रक्रिया में कई अधिकारी और बाबू शामिल थे, जिन्होंने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।

इस घोटाले की वजह से क्या असर पड़ा?

राज्य में परिवहन विभाग घोटाला लाखों रुपये के नुकसान का कारण बना और परिवहन विभाग की छवि पर भी बड़ा सवाल उठाया। इस मामले में अधिकतर जांच रिपोर्ट और सबूत इस बात को साबित करते हैं कि यह पूरा गिरोह एक संगठित तरीके से काम कर रहा था। 

FAQ

1: राजस्थान में परिवहन विभाग के घोटाले में कितने वाहन शामिल थे?
राजस्थान में परिवहन विभाग के घोटाले में 659 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 653 वाहनों के नंबर में गड़बड़ी पाई गई थी।
2: इस घोटाले में किस प्रकार के वाहनों के नंबरों का फर्जी ट्रांसफर किया गया था?
इस घोटाले में ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर, बाइक और बसों के नंबरों को फर्जी तरीके से ट्रांसफर कर लग्जरी कारों में डाला गया।
3: क्या इस घोटाले में कोई अधिकारी या कर्मचारी शामिल थे?
हां, इस घोटाले में परिवहन विभाग के अधिकारी और बाबू भी शामिल थे, जिन्होंने मिलकर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया।

 

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