सरिस्का की सीमा में बदलाव का प्रस्ताव, बंद पड़ी 60 खानों को फायदा देने की तैयारी

राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास फिर से खदानों को आबाद करने के लिए सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया है। इससे संगमरमर और डोलोमाइट की 60 खदानों को फायदा मिल सकता है, जिन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंद किया गया था।

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Jinesh Jain
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राजस्थान में बाघों के घरौंदे सरिस्का के आसपास फिर से खदानों को आबाद करने का खेल चल रहा है। इसके लिए सरिस्का टाइगर रिजर्व के महत्वपूर्ण बाघ आवास (सीटीएच) की सीमा को युक्तिसंगत बनाने के नाम पर राजस्थान सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।

अगर यह प्रस्ताव अधिसूचित हो जाता है तो सरिस्का के आसपास संगमरमर और डोलोमाइट के 60 से अधिक खदानों को फायदा मिल सकता है।

सीटीएच से करीब होने के कारण पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये खदानें बंद हो गई थी। प्रस्ताव के अनुसार नई सीटीएच सीमाएं कई हिस्सों में पीछे हट जाएंगी।

 इसके कारण बंद पड़ी ये खदानें टाइगर रिजर्व की सीमा से एक किलोमीटर के क्षेत्र से बाहर हो जाएंगी, जहां फिलहाल खनन और अन्य गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।

दोनों मंत्री अलवर से 

प्रस्ताव इसी सोमवार को स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की बैठक में पारित कर सरकार ने दिल्ली भेज दिया है। इस प्रस्ताव पर अब 26 जून को देहरादून में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एससी-एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति में चर्चा होगी।

संयोग से वन और पर्यावरण के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव और राजस्थान के मंत्री संजय शर्मा, दोनों ही अलवर से हैं। यादव अलवर से सांसद हैं तो शर्मा अलवर से विधायक हैं।

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हटेंगे मानवीय गतिविधि वाले इलाके 

सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव में सरिस्का के ऐसे 48.39 वर्ग किलोमीटर इलाकों को चिन्हित किया है, जो मानव गतिविधियों से प्रभावित है।

सरकार की योजना इस इलाके को सीटीएच से बाहर रखने की है। इसकी भरपाई के लिए प्रस्ताव में सरिस्का बफर में 90.91 वर्ग किलोमीटर "गुणवत्तापूर्ण बाघ आवास" को सीटीएच में जोड़ा जाएगा।

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सुधरेंगे स्थानीय समुदायों से संबंध

प्रस्ताव में दावा किया है कि सीटीएच से बफर में स्थानांतरित किए गए ये क्षेत्र अभयारण्य का हिस्सा नहीं होंगे।

इस कदम से स्थानीय ग्रामीण समुदाय और बाघ अभयारण्य प्रबंधन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

 सरिस्का टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि इन इलाकों को हटाने से बाघ अभयारण्य का आंतरिक संपर्क टूट जाएगा।

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मंत्री का दावा, बेहतर होगा प्रबंधन

प्रदेश के वन और पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने द सूत्र से बातचीत में दावा किया कि सीमा युक्तिकरण से सरिस्का में बाघ अभयारण्य प्रबंधन जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी हो जाएगा।

उम्मीद है कि इस प्रस्ताव के पास के होने के बाद सरिस्का में बाघों की संख्या काफी हद तक बढ़ जाएगी। प्रस्ताव हमने पारित कर केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेज दिया है। 

विवाद के कारण अटकी नोटिफिकेशन 

सूत्रों का कहना है कि सरिस्का सीटीएच प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट  के समक्ष रखे जाने से पहले इस पर विचार करने के लिए इसे स्थगित कर दिया गया था।

 राजस्थान ने 2007-08 में सरिस्का के लिए 881 वर्ग किलोमीटर भूमि को सीटीएच घोषित किया था, लेकिन कुछ भूखंडों की कानूनी स्थिति पर अनेक विवादों के कारण अधिसूचना लंबित रही।

कभी बाघविहीन हो गया सरिस्का

सरिस्का राजस्थान का वह टाइगर रिजर्व है, जो खनन और शिकारियों की धमक के चलते वर्ष 2000 के आसपास 46 टाइगर से बाघविहीन हो गया था।

 बाद के बरसों में यहां बाघों को विस्थापित किया गया। पर्यावरणविदों का दावा है कि सरिस्का में अभी 43 बाघ विचरण कर रहे हैं। लेकिन, सरकार के इस प्रस्ताव के अधिसूचित हो जाने से सरकार के बाघ फिर खतरे में पड़ सकते हैं।Rajsthan | Rajsthan News | राजस्थान न्यूज हिंदी | राजस्थान न्यूज | राजस्थान न्यूज अपडेट | tiger | Tiger Reserve | Sariska National Tiger Reserve

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