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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान में भाजपा सरकार के पिछले 20 महीनों में 46 शहरों के मास्टर प्लान बनाए या बदले गए हैं, लेकिन इन बदलावों में सबसे बड़ा विवाद स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा के गृह जिला सीकर के मास्टर प्लान को लेकर हुआ है। जहां बाकी शहरों में मामूली आपत्तियां दर्ज की गईं, वहीं अकेले सीकर में 6072 से अधिक आपत्तियां दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा बाकी शहरों के मुकाबले चौंकाने वाला है। सीकर के मास्टर प्लान में बदलाव का विरोध लगातार बढ़ रहा है, और इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में गर्मी ला दी है।
सीकर का मास्टर प्लान: क्या है विवाद?
राजस्थान सरकार के मास्टर प्लान में बदलाव की प्रक्रिया के तहत सीकर शहर का मास्टर प्लान भी 2025 में बदला गया। इस मास्टर प्लान में जयपुर रोड और फतेहपुर रोड को 200 फीट चौड़ा करने की योजना बनाई गई थी। इसके अलावा, स्टेशन रोड, रानी शक्ति रोड, सिल्वर जुबली रोड, नवलगढ़ रोड, और सालासर रोड जैसे प्रमुख मार्गों को भी चौड़ा करने का प्रस्ताव था। सीकर के इस मास्टर प्लान में वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियों के विस्तार के लिए कई नई योजनाएं शामिल की गई हैं, लेकिन इनमें से कई योजनाओं को लेकर व्यापार संघों और स्थानीय लोगों ने आपत्तियां जताई हैं।
सीकर मास्टर प्लान 2041
सीकर के मास्टर प्लान के तहत प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण और नए आवासीय क्षेत्रों का विकास प्रस्तावित है। इसके अलावा, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक और आवासीय भवनों का विस्तार भी किया गया है। 25 जून 2025 को सीकर मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दी गई, जिसके बाद से शहर में विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।
यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने इस मसले पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले सीकर के मास्टर प्लान को 2021 में तैयार करवाया था, लेकिन चुनावी आचार संहिता के कारण इसे रोक दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने रोड चौड़ाई कम करने और व्यावसायिक संपत्तियों को बढ़ाने के लिए कई फैसले किए, जो अब मास्टर प्लान के लागू होने के बाद अवैध निर्माण के रूप में सामने आएंगे।
सीकर में विपक्ष और व्यापार संघों का विरोध
सीकर के मास्टर प्लान के खिलाफ सबसे अधिक विरोध व्यापार संघों और विपक्षी दलों से सामने आया है। खासकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस योजना को किसानों और व्यापारियों की भूमि छीनने की साजिश बताया है। सीकर सांसद अमराराम ने इस मुद्दे को लेकर खुलकर अपनी आवाज उठाई और आरोप लगाया कि मास्टर प्लान का उद्देश्य किसानों और व्यापारियों की जमीनें छीनकर उनका शोषण करना है।
20 अगस्त को सीकर बंद का ऐलानसीकर में 20 अगस्त 2025 को सीकर बंद का ऐलान भी किया गया है। व्यापार संघों ने इस बंद में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्णय लिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि मास्टर प्लान से उनका व्यापार प्रभावित हो सकता है। उनके मुताबिक, नए प्लान से उन्हें अपनी दुकानें और व्यापारिक संपत्तियां खोने का डर है। | |
मंत्री के गृह जिले में विवाद
मंत्री झाबरसिंह खर्रा के गृह जिले में ही इस मास्टर प्लान को लेकर विवाद पैदा हो गया है, जो पहले किसी मंत्री के कार्यकाल में नहीं देखा गया था। यह विवाद राजनीतिक रूप से भी काफी संवेदनशील हो गया है, क्योंकि मंत्री खुद चाहते थे कि सीकर शहर को एक मॉडल शहर के रूप में विकसित किया जाए, लेकिन विपक्ष इसे किसानों और व्यापारियों के खिलाफ एक साजिश मानता है।
इस बारे में सीकर सांसद अमराराम ने कहा कि मास्टर प्लान किसानों-व्यापारियों की जमीनें छीनने की साजिश है।
मंत्री का बयान
मंत्री खर्रा ने कहा कि मास्टर प्लान में बदलाव के बाद, अवैध निर्माण की संख्या में कमी आएगी और शहर का विकास सही दिशा में होगा। उन्होंने इसे किसानों और व्यापारियों की भलाई के लिए जरूरी बताया और कहा कि कांग्रेस की वजह से सीकर का मास्टर प्लान रोक दिया गया था, जो अब नए रूप में लागू किया जा रहा है।
मास्टर प्लान के बदलते मानक
राजस्थान में भाजपा सरकार ने 2024 और 2025 में कुल 46 शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव किए हैं। इनमें से 36 शहरों का मास्टर प्लान 2024 में बदला गया, और 2025 में 10 और शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के तहत कई सड़कों के चौड़ीकरण, नए आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों के विकास, और शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
राजस्थान में अन्य शहरों के मास्टर प्लान भी बदले
राजस्थान के अन्य शहरों में भी मास्टर प्लान में बदलाव किए गए हैं, जैसे कि कुशलगढ़, सूरतगढ़, बालोतरा, नीमकाथाना, और पिलानी। इन शहरों में भी नए निर्माण कार्य और शहर की उपयुक्तता के अनुसार बदलाव किए गए हैं, लेकिन इन शहरों में सीकर जैसी विरोध की स्थिति नहीं देखी गई।
आगामी योजनाएं और शहरी विकास
राजस्थान सरकार का उद्देश्य शहरी विकास के माध्यम से राज्य के प्रत्येक शहर को एक विकसित और व्यवस्थित रूप देना है। इसके तहत कई नए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें सड़कों का चौड़ीकरण, जल आपूर्ति, परिवहन सुविधाओं का विस्तार, और अपशिष्ट प्रबंधन की योजनाएं शामिल हैं।
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