राजस्थान विधानसभा का चौथा सत्र एक सितम्बर से, विपक्ष के हंगामे की आशंका, कई विधेयक पर होगी चर्चा

राजस्थान विधानसभा का सत्र 1 सितंबर से शुरू होगा। इस सत्र में कई विधेयकों पर चर्चा होगी, जिसमें वेतन बिल और भूजल प्राधिकरण विधेयक शामिल हैं। विपक्ष द्वारा हंगामे की संभावना।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान विधानसभा का सत्र एक सितंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र भाजपा सरकार का चौथा सत्र होगा। राज्यपाल को इस सत्र की फाइल भेज दी गई है और जैसे ही राज्यपाल से अनुमति मिलती है, विधानसभा के सत्र के शुरू होने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इस सत्र को लेकर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह सत्र विधानसभा की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।

दो सप्ताह तक चल सकता है चौथा सत्र

यह सत्र लगभग दो सप्ताह तक चल सकता है, लेकिन इसकी वास्तविक अवधि विधायी कार्य के अनुसार तय की जाएगी। सत्र के दौरान सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न विधेयकों के बारे में भी उम्मीद की जा रही है। इनमें सबसे प्रमुख हैं:

  • विधायकों के वेतन से जुड़ा बिल

  • प्रवर समिति को सौंपे गए कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल

  • राजस्थान भू राजस्व संशोधन विधेयक

  • राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक

इन सभी विधेयकों पर सत्र में चर्चा और बहस हो सकती है, जिससे राजस्थान की राजनीति में अहम बदलाव हो सकता है।

सत्र के दौरान हंगामे की संभावना

इस सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा हंगामे की संभावना जताई जा रही है। खासकर पेपर लीक (Paper Leak) प्रकरण को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा, सरकार के अन्य कामकाज जैसे अपराध (Crime), बेरोजगारी (Unemployment), किसानों की समस्याएं (Farmer Issues) और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने की योजना बनाई जा रही है।

साथ ही, सत्तारूढ़ पक्ष भी सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल पर विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है। इसमें सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया जाएगा।

सरकार और विपक्ष की रणनीतियां

राज्य सरकार और विपक्ष दोनों ही इस सत्र को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। जहां सरकार विधेयकों की रूपरेखा तैयार कर रही है, वहीं विपक्ष ने भी अपने बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। विपक्ष इस बार झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति को प्रमुख मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

डोटासरा विधानसभा में आएंगे या नहीं ?

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) से विवाद के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Dotasra) ने सदन में आना छोड़ दिया था। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस सत्र में डोटासरा विधानसभा में आएंगे या नहीं। इस सवाल पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि उनका आना या न आना सत्र के माहौल को प्रभावित कर सकता है।

कंवर लाल मीणा की सदस्यता गई, पटेल गिरफ्तार

वर्तमान में विधानसभा में कुल 200 में से 199 विधायक हैं, क्योंकि भाजपा के विधायक कंवर लाल मीणा (Kanwar Lal Meena) की सदस्यता अदालत से सजा के बाद रद्द कर दी गई है। इसके अलावा, बीएपी (BJP) के विधायक जयकृष्ण पटेल (Jaykrishna Patel) रिश्वत मामले में गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है। अगर पटेल को जमानत नहीं मिलती है, तो विधानसभा में उनकी संख्या और कम हो जाएगी, जिससे सत्र की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने पटेल के मामले को सदाचार समिति (Ethics Committee) को सौंप रखा है। सत्र के दौरान यह समिति इस मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है।

राजस्थान विधानसभा के बारे में जानें

  • राजस्थान विधानसभा का गठन 31 मार्च 1952 को हुआ।

  • यह स्वतंत्र भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत बनी।

  • राज्य का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था, लेकिन विधानसभा का गठन 1952 में हुआ।

  • पहले विधानसभा में 160 सदस्य थे, बाद में 200 कर दिए गए।

  • राजस्थान विधानसभा एक एकसदनीय विधानमंडल (Unicameral Legislature) है।

  • विधानसभा की जगह जयपुर, राज्य की राजधानी में स्थित है।

  • विधानसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।

  • सामान्यत: विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है।

  • विधानसभा के पुराने भवन का स्थान जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में था, जिसे अब 'सवाई मान सिंह टाउन हॉल' कहा जाता है।

  • 2001 में नया, आधुनिक विधानसभा भवन बनवाया गया, जो देश के सबसे बड़े और आधुनिक विधानसभा भवनों में से एक है।

राजस्थान विधानसभा की सदस्य संख्या और संरचना

  • वर्तमान में विधानसभा में 200 सीटें हैं।

  • 1957 में सदस्य संख्या 160 से बढ़ाकर 176 की गई, क्योंकि अजमेर रियासत का विलय हुआ था।

  • 1967 में सदस्य संख्या बढ़कर 184 हुई।

  • 1977 में सदस्य संख्या 200 तक पहुंचाई गई।

  • सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाते हैं।

  • वर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष भाजपा से वासुदेव देवनानी हैं।

  • विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस से टीकाराम जूली हैं।

  • विधानसभा का संचालन प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व प्रणाली और गुप्त मतदान के आधार पर होता है।

राजस्थान विधानसभा के ऐतिहासिक तथ्य

  • राजस्थान विधानसभा का गठन विभिन्न रियासतों के विलय से हुआ।

  • अजमेर-मेरवाड़ा को भी राजस्थान में मिलाया गया था।

  • विधानसभा ने 1987 में सती (निवारण) अधिनियम पारित किया, जिससे सती प्रथा समाप्त हुई।

  • विधानसभा ने कई सामाजिक और राजस्व सुधारों में अहम भूमिका निभाई।

  • विधानसभा में कई बार अविश्वास और विश्वास प्रस्ताव आए हैं।

विधानसभा की कार्यप्रणाली

  • विधानसभा के सदस्य विधायी मुद्दों पर चर्चा करते हैं और कानून बनाते हैं।

  • वे राज्य के प्रशासन की समीक्षा भी करते हैं।

  • विधानसभा सत्र आमतौर पर साल में दो-तीन बार होते हैं।

  • सदन के कामकाज का प्रमुख हिस्सा अध्यक्ष हैं, जो नियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं।

  • विधानसभा के बजट सत्र, मानसून सत्र और शीत सत्र प्रमुख होते हैं।

राजस्थान विधानसभा के अनूठे तथ्य

  • राजस्थान विधानसभा का पहला उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ था।

  • वर्तमान विधानसभा भवन 2001 में स्थापित हुआ, और यह पूरी तरह से आधुनिक है।

  • सदस्य संख्या 160 से बढ़कर 200 हो गई।

  • विधानसभा का स्थान जयपुर में है, जो राज्य की विधायी शक्तियों का केंद्र है।

सत्र के दौरान होने वाली चर्चाएं और मुद्दे

इस सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याएं शामिल होंगी। खासकर, सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे और सरकार द्वारा उनके जवाब, इन दोनों के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, विधानसभा में पेश होने वाले विधेयकों पर भी गहरी चर्चा हो सकती है, जिनका राज्य की राजनीतिक स्थिति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

विधायकों का वेतन और कोचिंग सेंटर बिल

सत्र में विधायकों के वेतन में वृद्धि से संबंधित बिल को लेकर बहस हो सकती है। इसके साथ ही, कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल (Coaching Center Regulation Bill) भी चर्चा का विषय बन सकता है, जो राज्य में कोचिंग संस्थानों की स्थिति को लेकर होगा।

भू-राजस्व और भूजल प्राधिकरण विधेयक

राजस्थान में भूमि से संबंधित मुद्दे हमेशा विवाद का कारण रहे हैं। इस सत्र में राजस्थान भू राजस्व संशोधन विधेयक (Rajasthan Land Revenue Amendment Bill) और राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक (Rajasthan Groundwater Authority Bill) पेश हो सकते हैं, जिनका राज्य के भू-राजस्व और जल प्रबंधन पर गहरा असर होगा।

FAQ

1. राजस्थान विधानसभा सत्र कब शुरू होगा?
राजस्थान विधानसभा का सत्र 1 सितंबर से शुरू होगा और यह दो सप्ताह तक चल सकता है।
2. राजस्थान विधानसभा में चौथे सत्र में कौन-कौन से विधेयक पेश हो सकते हैं?
इस सत्र में विधायकों के वेतन से संबंधित बिल, कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल, भू राजस्व संशोधन विधेयक और भूजल प्राधिकरण विधेयक पेश हो सकते हैं।
3. राजस्थान विधानसभा सत्र में किस मुद्दे पर हंगामा हो सकता है?
पेपर लीक प्रकरण को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा होने की संभावना है, साथ ही अपराध, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा हो सकती है।
4. क्या गोविंद सिंह डोटासरा इस सत्र में विधानसभा में आएंगे?
गोविंद सिंह डोटासरा, जो पहले विधानसभा में नहीं आए थे, उनके इस सत्र में आने पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
5. क्या राजस्थान विधानसभा में विधायकों की संख्या घट सकती है?
जी हां, भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता रद्द हो चुकी है और बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल को अभी तक जमानत नहीं मिली है, जिससे विधानसभा में विधायकों की संख्या घट सकती है।

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