राजेश मीणा बने महाराष्ट्र में मुख्य सचिव, जानिए राजस्थान के किन-किन अफसरों ने संभाली दूसरे राज्यों में बड़ी कुर्सियां

महाराष्ट्र सरकार ने राजेश मीणा को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वह 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और राजस्थान से हैं। इससे पहले भी कई राजस्थान के अफसरों ने उच्च पदों पर कार्य किया है।

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अमरपाल सिंह वर्मा@जयपुर

महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजेश मीणा को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया है। 1988 बैच के आईएएस राजेश मीणा राजस्थान के रहने वाले हैं। मीणा को महाराष्ट्र का मुख्य सचिव बनाए जाने से राज्य में लोग खुशी जता रहे हैं लेकिन इससे पहले भी राजस्थान के रहने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के विभिन्न अफसर केन्द्र तथा विभिन्न राज्यों में उच्च पदों पर रह चुके हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री के हैं दामाद 

आईएएस राजेश मीणा का संबंध राजस्थान में सवाई माधोपुर से है। वे केन्द्र में मंत्री रह चुकीं भाजपा नेता जसकौर मीणा के दामाद हैं। उन्हें महाराष्ट्र में मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के स्थान पर मुख्य सचिव बनाया गया है। मुख्य सचिव के लिए कई नाम चर्चा में थे, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में विभिन्न पदों पर काम कर चुके मीणा को इस बड़े दायित्व के लिए चुना। मीणा का बतौर मुख्य सचिव कार्यकाल थोड़े ही समय का रहेगा क्योंकि वह इसी अगस्त में सेवानिवृत्त होंगे।

पिता रहे प्रिंसिपल

प्रदेश के बेटे मीणा का मुख्य सचिव बनना समूचे राज्य के लिए गौरव का विषय है और सवाई माधोपुर के लिए तो यह खास उपलब्धि ही है क्योंकि मीणा वही के रहने वाले हैं। मीणा के पिता रामगोपाल मीणा सवाई माधोपुर में स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य पद रह रहे। पूर्व मंत्री जसकौर मीणा की बेटी एवं मीणा की पत्नी अर्चना मीणा वहां समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। 

राजस्थान के अफसर, जो दूसरे राज्यों में छाए

आइए अब आपको बताते हैं राजस्थान के रहने वाले उन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बारे में, जिन्होंने न केवल केन्द्र में बड़े ओहदे संभाले हैं बल्कि विभिन्न राज्यों में भी पुलिस महानिदेशक और अन्य बड़े प्रशासनिक पद संभाले।

तमिलनाडु के डीजीपी बने सांगाराम जांगिड़

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सांगराम जांगिड़ ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने तमिलनाडु मेंं पुलिस महानिदेशक बन कर राजस्थान को गौरवान्वित किया। 1985 बैच के आइपीएस अफसर जांगिड़ बाड़मेर जिले के कवास गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने दो दशक पहले तमिलनाडु में बावरिया गिरोह के लोगों द्वारा डकैतियों एवं हत्या के मामलों को सुलझाने के लिए बड़ा अभियान चलाया। इस पर थेरेन नामक फिल्म बनी, जो हिट साबित हुई। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता पदक मिले। 

केरल में डीजीपी रहे ऋषिराज सिंह

मूल रूप से बीकानेर के रहने वाले आईपीएस अफसर ऋषिराज सिंह ने केरल मेंं विभिन्न उच्च पदों पर काम किया। उन्होंने डीजीपी (बंदी एवं सुधारात्मक सेवाएं) पद पर सराहनीय काम किया। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषिराज सिंह ने केरल में अपनी सर्विस की शुरुआत एएसपी के पद से की।  बाद मेंं वह सीबीआई में रहे। महाराष्ट्र में सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर पद पर रहते हुए उन्हीं की मोनिटरिंग मेंं बहुचर्चित आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले की जांच हुई। वह 1999 से 2004 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान स्पेशल प्रोटेक्शन गु्रप (एसपीजी) में भी रहे।

राजेन्द्र प्रसाद शर्मा रहे उड़ीसा में डीजीपी

अजमेर के रहने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा उड़ीसा के पुलिस महानिदेशक बने। 1986 बैच के उड़ीसा कैडर के आईपीएस अफसर शर्मा ने उड़ीसा मेंं पुलिस मेंं विभिन्न बड़े पदों पर काम किया। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा भारतीय पुलिस पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। 

केन्द्रीय वित्त सचिव रहे थे सुभाषचन्द्र शर्मा

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे सुभाषचन्द्र शर्मा राजस्थान के एक मात्र ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने केन्द्र सरकार में वित्त सचिव का पद संभाला। वह 1983 बैच के आईएएस अफसर थे। वह भारत सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव भी रहे। उन्होंने विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक का कार्यभार भी संभाला।

चहल हैं महाराष्ट्र में अपर सीएस

श्रीगंगानगर के रहने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इकबाल सिंह चहल महाराष्ट्र में विभिन्न उच्च पदों पर रह चुके हैं। वह वहां वर्तमान मेंं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। सेवानिवृत कर्नल मान सिंह चहल के बेटे इकबाल सिंह 1989 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र मेंं विभिन्न जिलों मेंं बतौर कलक्टर काम किया है। कोरोना काल में उन्होंने मुम्बई में बीएमसी का कमिश्नर बनाया गया। उन्होंने मुम्बई के झोंपड़ पट्टी वाले इलाकों में कोरोना पर काबू पाने के लिए शानदान किया। इसी दौरान चहल तब भी चर्चा में आए, जब बीएमसी की टीम ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले पर तोडफ़ोड़ की। 

समाजसेवा के लिए विख्यात हैं अरुण बोथरा

राजस्थान के रहने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण बोथरा समाजसेवा के लिए विख्यात हो चुके हैं। मूल रूप से हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा के रहने वाले बोथरा 1996 बैच के उड़ीसा कैडर के आईपीएस अफसर हैं। वह सीबीआई मेंं भी रह चुके हैं। इस समय वह उड़ीसा में आईजी के पद पर हैं। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद के लिए इंडिया केयर्स गु्रप बनाया है, जिससे जुडक़र देश भर में तीन हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। यह संगठन चौबीसों घंटे काम करता है। इसके स्वयंसेवक दिन-रात लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। जरूरतमंदों को दवाएं, खाना और अन्य मदद पहुंचाते हैं।

पीएम मोदी ने अनुभव पूछे तो चर्चा में आए ओमप्रकाश

नागौर के रहने वाले भारतीय पुलिस सेवा के ओमप्रकाश जाट 2020 मेंं अपने कॅरियर की शुरुआत में ही तब देश भर में चर्चा में आ गए, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे उनके ट्रेनिंग संबंधी अनुभव पूछे। मोदी ने वीसी के जरिए कई देर तक ओमप्रकाश जाट से बात की। इस दौरान मोदी उनसे प्रभावित हुए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। नागौर के कलरू गांव के निवासी ओमप्रकाश 2018 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी फील्ड ट्रेनिंग गुजरात के वलवाड़ में हुई।

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