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Photograph: (the sootr)
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के एक आदेश को पलटते हुए महेंद्र चौधरी को आगामी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा (Senior Teacher Recruitment Exam) में शामिल होने की अनुमति दी है।
महेंद्र चौधरी को पहले सब-जेलर परीक्षा के दौरान हंगामा करने के आरोप में एक साल तक सभी परीक्षा से डिबार किया गया था। यह फैसला उन्हें बड़ी राहत प्रदान करता है।
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क्या है पूरा मामला?
यह मामला महेंद्र चौधरी से जुड़ा है, जिन्होंने 2024 में सब-जेलर परीक्षा में भाग लिया था। उनके वकील रामप्रताप सैनी ने हाई कोर्ट में बताया कि परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र ठीक से सीलबंद नहीं थे। जब महेंद्र चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई, तो इसे हंगामा मान लिया गया।
इस घटना के बाद RPSC ने 13 जुलाई, 2025 से लेकर 12 जुलाई, 2026 तक के लिए महेंद्र चौधरी को सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया था। इसके कारण वे आगामी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे, जिसके लिए उन्होंने पहले ही आवेदन किया था।
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हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका
महेंद्र चौधरी ने RPSC के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उनके वकील ने अदालत में दलील दी कि महेंद्र चौधरी का उद्देश्य केवल परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखना था, न कि कोई अनुशासनहीनता करना। उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र की सील ठीक न होने पर आपत्ति जताना किसी भी अभ्यर्थी का अधिकार है। इसे अनुशासनहीनता नहीं माना जा सकता।
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कोर्ट ने माना अत्यधिक कठोर कदम
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह माना कि एक छोटी सी आपत्ति के लिए एक साल तक किसी अभ्यर्थी को सभी परीक्षाओं से रोकना अत्यधिक कठोर कदम था। जस्टिस आनंद कुमार शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि महेंद्र चौधरी को मंगलवार को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने दिया जाए।
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RPSC के लिए दिए निर्देश
हाई कोर्ट ने RPSC को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत इस आदेश का पालन करें और महेंद्र चौधरी को परीक्षा में बैठने दें। इस फैसले ने उन अभ्यर्थियों के लिए एक मिसाल पेश की है, जो परीक्षा हॉल में अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं। यह निर्णय अभ्यर्थियों के अधिकार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।