RSS : जोधपुर में अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से, 32 संगठनों के 300 से अधिक नेता जुटेंगे

जोधपुर में 5 से 7 सितम्बर 2025 तक होने वाली अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ से प्रेरित 32 संगठनों के करीब 300 से अधिक अधिकारी भाग लेंगे। The Sootr में जानें इस बैठक के महत्व और उद्देश्य के बारे में।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) में 5 से 7 सितंबर 2025 के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित होने वाली अखिल भारतीय समन्वय बैठक एक महत्वपूर्ण अवसर होने जा रही है। इस बैठक में संघ से प्रेरित 32 संगठनों के लगभग 300 अखिल भारतीय अधिकारी भाग लेंगे। इस बैठक का आयोजन पहली बार एक नए और अनूठे तरीके से किया जा रहा है, जिसमें संघ के विभिन्न संगठनों के अधिकारी और कार्यकर्ता आपस में अधिक संवाद कर सकेंगे।

संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में कौन भाग लेगा?

समन्वय बैठक में 32 संघ से प्रेरित संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री और प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे। इन संगठनों में राष्ट्र सेविका समिति (Rashtra Sevika Samiti), वनवासी कल्याण आश्रम (Vanvasi Kalyan Ashram), विश्व हिन्दू परिषद (Vishva Hindu Parishad), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad), भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh), विद्या भारती (Vidya Bharati), और भारतीय मजदूर संघ (BMS) जैसी प्रमुख संस्थाएँ शामिल हैं।

संघ शताब्दी का आयोजन न केवल संघ के इतिहास को सम्मानित करने के लिए है, बल्कि यह समाज के प्रति उसके योगदान को भी मान्यता देने का अवसर है। संघ का योगदान भारतीय समाज को मजबूत बनाने में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। शताब्दी के कार्यक्रमों में संघ की भूमिका और उसकी विचारधारा को फिर से समझने और प्रचारित करने का प्रयास किया जाएगा।

संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में क्या नवाचार होगा?

इस समन्वय बैठक में एक महत्वपूर्ण नवाचार देखने को मिलेगा। बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न संगठनों के अखिल भारतीय अधिकारियों को जोधपुर के एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से बैठक स्थल तक लाने के लिए उस संगठन के स्थानीय स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच सीधा संपर्क और संवाद स्थापित होगा, जिससे आपसी मेलजोल और समझ बढ़ेगी।

यह पहल इस बात पर जोर देती है कि संगठन के सदस्य अपने उच्चाधिकारियों से सहज रूप से संवाद कर सकें। पहले के मुकाबले यह एक नया तरीका है, जो संगठन के भीतर अधिक सामूहिकता और सहयोग को बढ़ावा देता है।

अखिल भारतीय समन्वय बैठक का उद्देश्य क्या है?

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संगठनों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो संघ से प्रेरित संगठनों के कार्यों और योजनाओं से संबंधित हैं। ये मुद्दे भारतीय समाज, संस्कृति, और राष्ट्र की एकता को मजबूत करने के लिए होंगे।

इसके अलावा, बैठक में भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग बढ़ाने, सामाजिक उत्थान और देशहित के लिए कई योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस दौरान, प्रत्येक संगठन के प्रमुख और उनके पदाधिकारी अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करेंगे, जिससे संगठन के कार्यों को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

आरएसएस क्या है? 

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), जिसे आमतौर पर संघ के नाम से जाना जाता है, एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है।

  • स्थापना 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने महाराष्ट्र के नागपुर में की थी।

  • हेडगेवार को विनायक दामोदर सावरकर के हिंदू राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरणा मिली थी।

  • कुछ समय तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद, हेडगेवार ने वैचारिक मतभेदों की वजह से कांग्रेस को छोड़ दिया और संघ की स्थापना की।

  • आरएसएस को अक्सर दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक संगठन कहा जाता है। यह एक सांस्कृतिक संगठन है जिसका उद्देश्य हिंदू संस्कृति, हिंदू एकता और आत्मनिर्भरता के मूल्यों को बढ़ावा देना है।

  • संघ का दावा है कि वह राष्ट्र सेवा और भारतीय परंपराओं और विरासत के संरक्षण पर जोर देता है।

  • शाखा संघ की आधारभूत संगठनात्मक इकाई है, जो संघ को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाती है।

  • शाखा वह स्थान है, जहां संघ के सदस्य वैचारिक और शारीरिक रूप से प्रशिक्षित होते हैं।

  • अधिकांश शाखाएं हर दिन सुबह चलती हैं, और कभी-कभी शाम को भी। कुछ इलाकों में यह शाखाएं हफ्ते में कुछ दिन चलती हैं।

  • आरएसएस के अनुसार, भारत में 83,000 से अधिक शाखाएं हैं।

  • संघ का सर्वोच्च पदसरसंघचालक है, जो संघ का नेतृत्व करता है।

  • फिलहाल मोहन भागवत सरसंघचालक हैं।
  • सरसंघचालक के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद सरकार्यवाह का है, जो संघ का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है।

  • फिलहाल दत्तात्रेय होसबाले सरकार्यवाह हैं।

  • हेडगेवार के बाद संघ में पांच सरसंघचालक बने, जिनमें से चार ने पहले सरकार्यवाह का पद संभाला था और एक ने सह-सरकार्यवाह का।

  • सह-सरकार्यवाह की भूमिका संयुक्त सचिव की होती है। एक समय में संघ में कई सह-सरकार्यवाह हो सकते हैं।

  • संघ की संगठनात्मक संरचना में 46 प्रांत, विभाग, जिले और खंड होते हैं।

  • आरएसएस के अनुसार, भारत में 922 जिले, 6,597 खंड, और 27,720 मंडल हैं, जिनमें 83,129 शाखाएं चल रही हैं।

  • हर मंडल में 12 से 15 गांव शामिल होते हैं।

सरसंघचालक ने ली तैयारी बैठक

इस बैठक से पहले, संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) ने संगठन के अधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक जोधपुर में ही हुई, और इसमें आगामी समन्वय बैठक के आयोजन पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह तय किया गया कि इस बार बैठक की प्रक्रिया को और भी प्रभावी और सुलभ बनाया जाएगा। इस दौरान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद रहे।

जोधपुर प्रांत संघ चालक हरदयाल वर्मा (Hardyal Verma) ने भी बैठक की तैयारी के बारे में जानकारी दी और बताया कि बैठक के आयोजन से पहले समन्वय की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कई नई पहल की गई हैं।

समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे

आरएसएस की इस अखिल भारतीय समन्वय बैठक में केवल संघ के कार्यकर्ता और अधिकारी ही नहीं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। बैठक में राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक का उद्देश्य न केवल संगठन की मजबूती बढ़ाना है, बल्कि भारतीय समाज के विभिन्न हिस्सों के बीच एकता और समरसता को बढ़ावा देना भी है।

बैठक के दौरान, देशभर से आए प्रतिनिधि एक-दूसरे के विचारों को साझा करेंगे और संगठन के भविष्य के लिए नई रणनीतियाँ बनाएंगे। बैठक के अंत में, समन्वय और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने वाले उपायों को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

2 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा संघ शताब्दी 

आरएसएस का शताब्दी वर्ष 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी के अवसर पर शुरू होगा। आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बना रहा है। इस बैठक में इन कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी, जिसमें संघ और अन्य संबंधित संगठनों की भूमिका, कार्य और आगामी योजनाओं का उल्लेख किया जाएगा। शताब्दी कार्यक्रमों के माध्यम से संघ अपनी उपस्थिति और प्रभाव को और मजबूत करना चाहता है। इन कार्यक्रमों में संगठनों की सक्रिय सहभागिता और सहयोग की आवश्यकता होगी, जिसे बैठक में प्रमुख रूप से उठाया जाएगा।

संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक जोधपुर में क्यों हो रही है?

जोधपुर को इस बैठक के आयोजन के लिए चुना गया है क्योंकि यह शहर राजस्थान (Rajasthan) के पश्चिमी हिस्से में स्थित है और यहाँ के वातावरण में एक विशेष सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल है। जोधपुर के प्रमुख स्थल, जैसे एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन, सम्मेलन के लिए आदर्श स्थल प्रदान करते हैं, जहां सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता आसानी से इकट्ठा हो सकते हैं।

बैठक के आयोजन से जोधपुर की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। इस प्रकार के आयोजन से स्थानीय व्यापार और पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिल सकता है।

प्रमुख संघ प्रेरित संगठन कौन से हैं?

  • राष्ट्र सेविका समिति (Rashtriya Sevika Samiti): यह संगठन महिलाओं के लिए समर्पित है और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है।

  • वनवासी कल्याण आश्रम (Vanvasi Kalyan Ashram): यह संगठन आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए काम करता है।

  • विश्व हिन्दू परिषद (Vishva Hindu Parishad): यह संगठन हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में कार्य करता है।

  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad): यह संगठन छात्र समुदाय के लिए काम करता है और उनके अधिकारों की रक्षा करता है।

  • भारतीय किसान संघ (Bharatiya Kisan Sangh): यह संगठन किसानों के हितों की रक्षा करता है और उनके कल्याण के लिए कार्य करता है।

FAQ

1. जोधपुर में आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का उद्देश्य क्या है?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संघ से प्रेरित संगठनों के बीच समन्वय बढ़ाना है, ताकि संगठन के कार्यों को और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।
2. आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में कौन-कौन से संगठन भाग लेंगे?
बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, और भारतीय मजदूर संघ जैसे प्रमुख संघ प्रेरित संगठन भाग लेंगे।
3. जोधपुर में आरएसएस की बैठक में किस प्रकार के नवाचार होंगे?
इस बैठक में एक नया पहल होगा, जिसमें उच्च अधिकारियों को रिसीव करने की जिम्मेदारी उनके संगठन के स्थानीय स्वयंसेवकों को दी जाएगी, ताकि आपसी संवाद और मेलजोल को बढ़ावा दिया जा सके।
4. डॉ. मोहन भागवत की भूमिका समन्वय बैठक में क्या है?
डॉ. मोहन भागवत ने बैठक की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया है और बैठक की संरचना को और प्रभावी बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया है।
5. जोधपुर में आरएसएस की समन्वय बैठक का आयोजन क्यों किया गया है?
जोधपुर को इसके सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल के कारण चुना गया है, जो सम्मेलन के लिए आदर्श स्थल प्रदान करता है।

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