JAIPUR. उदयपुर के कन्हैयालाल टेलर की नृशंस हत्या का मामला एक साल बाद फिर सुर्खियों में है और इस पर जिस तरह की बयानबाजी चल रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने जा रहा है। केन्द्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (30 जून) को उदयपुर में हुई सभा में यह मामला उठाया था और इसके बाद शनिवार (1 जुलाई) को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार शर्मा के रावजी का हाटा स्थित बाबेल स्ट्रीट घर पर पहुंचीं। उन्होंने राजकुमार की पत्नी और बेटे से बात की और परिवार को 1 लाख रुपए की सहायता देने के साथ ही बेटी की शादी का जिम्मा उठाने का भरोसा दिलाया। राजे ने बताया कि मैं यहां वास्तविक स्थिति देखने आई थी। अब जो भी मदद हो सकेगी, हम करेंगे।
दरअसल इस हत्याकांड के गवाह राजकुमार इतने खौफ और मानसिक तनाव में आ गए कि उनका शरीर बेजान हो गया।
ऑटो में सवार हो कर पहुंचीं राजे
कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार के घर का संकरा रास्ता होने से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ऑटो में सवार होकर गईं। उनके साथ मावली विधायक धर्मनारायण जोशी भी थे। यहां उन्होंने राजकुमार की पत्नी पुष्पा और बच्चों से मुलाकात की। पुष्पा ने बताया कि- बेटी 25 साल की हो गई है। सालभर पहले बेटी की शादी होनी थी, वो टल गई। हम इतने डरे हुए हैं कि बच्चों ने अपने घर के बाहर नेम प्लेट से पिता का नाम हटा दिया है। उन्होंने कहा कि बेटे को अच्छे से पढ़ाना चाहती थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति हो गई कि बेटा घर चलाने के लिए 10 से 12 हजार रुपए की नौकरी कर रहा है।
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राजकुमार को सरकारी नौकरी नहीं मिली क्या?
राजे ने इस दौरान राजकुमार से भी बात की। राजकुमार ने बताया कि इस हत्याकांड में उनका परिवार टूट चुका है। हालत खराब हो गई है। घर के बाहर जाने से भी डर लगता है। राजकुमार के परिवार से बातचीत के बाद पूर्व सीएम ने मावली विधायक और स्थानीय नेताओं से भी बातचीत की और पूछा कि राजकुमार को सरकारी नौकरी नहीं मिली क्या? स्थानीय नेताओं ने बताया कि सरकारी नौकरी कन्हैयालाल के बच्चों को दी गई है।