मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल शनिवार को शपथ ले सकता है। मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले नामों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच एक अहम संभावना ये भी बताई जा रही है कि चुनाव हारने के बावजूद पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया दोनों या दोनों में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है।
संगठन के करीबी हैं राजेंद्र राठौड़
राजेंद्र राठौड़ 7 बार लगातार विधायक रह चुके हैं और संसदीय कार्यों का गहरा अनुभव रखते हैं। ऐसे में उनका हारना पार्टी के लिए इस बार काफी बड़ा धक्का माना जा रहा है। राठौड़ एक समय सीएम वसुंधरा राजे के सबसे नजदीकी लोगों में हुआ करते थे, लेकिन अब वे संगठन के करीबी हैं और मौजूदा सरकार के अहम फैसलों में उनकी भूमिका नजर आ रही है।
वसुंधरा के करीबियों को शामिल करना जरूरी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों को शामिल करना जरूरी है। वहीं किरोड़ीलाल मीणा जैसे बड़े नेता भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं खुद सीएम भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे में समन्वय बनाए रखने के लिए राजेंद्र राठौड़ जैसे नेताओं की जरूरत महसूस की जा रही है।
दोनों मंत्रिमंडल में आए तो क्या होगा ?
सतीश पूनिया हालांकि एक ही बार विधायक रहे हैं, लेकिन पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी है। इसके अलावा जाट समुदाय से होने के नाते भी उनका मंत्री बनने का दावा मजबूत माना जा रहा है। इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो इन्हें 6 महीने में विधायक का चुनाव लड़कर जीतकर आना होगा। इसके लिए 2 सीट भी खाली करानी होगी। राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों पर फरवरी-मार्च में चुनाव होना है। ऐसे में जिनसे सीट खाली कराई जाएंगी, उन्हें राज्यसभा या आगामी लोकसभा चुनाव लड़वाकर एडजस्ट किया जा सकता है।