JAIPUR @ सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं को बदलना या बंद करना राजस्थान में सामान्य परंपरा है। मौजूदा सरकार भारतीय जनता पार्टी की है और इस सरकार में भी यह सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हालांकि सोमवार सुबह कहा था कि पिछले सरकार की जनहित की किसी भी योजना को हम बंद नहीं करेंगे, बल्कि उसे बेहतर ढंग से लागू करेंगे, लेकिन शाम होते- होते पिछली सरकार की राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (RAJIV GANDHI YUVA MITRA YOJANA RAJASTHAN) को सरकार ने बंद कर दिया (Bhajan Lal Sharma government decision)। इस योजना के तहत लगभग ढाई हजार युवक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम कर रहे थे। क्योंकि युवाओं का चयन कांग्रेस सरकार के समय हुआ था और योजना का नाम भी राजीव गांधी के नाम पर था इसलिए नई सरकार की पहली कैंची इसी योजना पर चली।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 के बजट भाषण में राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना लागू करने की घोषणा की थी। योजना के तहत प्रदेश भर मे 21 से 40 वर्ष के ढाई हजार युवा मित्रों को सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए इंटर्न्स के रूप में भर्ती किया गया था। सरकार की ओर से ने प्रति माह 17500 रुपए दिए जा रहे थे। इनका काम यह था कि सरकार की जो भी योजनाएं हैं उनका प्रचार प्रसार किया जाए, सरकार और जनता के बीच एक सेतु के रूप में काम किया जाए ताकि किसी को योजना का लाभ मिलने में दिक्कत ना आए। इसके लिए इन्हें व्यक्तिगत संपर्क से लेकर टेली काउंसलिंग और अन्य माध्यमों से जनता से जुड़ने का टास्क दिया गया था।
अशोक गहलोत ने योजना की घोषणा हालांकि 2021 के बजट में कर दी थी लेकिन इसे लागू होने में लगभग सवा साल का समय लग गया और जुलाई 2022 में जाकर प्रदेश पर में 2217 राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्स को भर्ती किया गया। चुनाव से पहले यह युवा मित्र विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार की योजनाओं को लेकर संवाद कार्यक्रम आयोजित करते नजर आए थे।
यह योजना अपने आप में इस रूप में अनूठी थी कि सरकार ने अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के अतिरिक्त लगभग ढाई हजार युवाओं को प्रदेश भर में तैनात किया था हालांकि चुनाव में पार्टी की हार को देखते हुए लगा यही रहा है कि इस योजना बहुत ज्यादा कारगर नहीं रही।
अब सत्ता परिवर्तन के साथ ही मौजूदा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है और योजना के तहत काम कर रहे लगभग ढाई हजार युवा मित्रों को अब कोई नया काम देखना होगा। क्योंकि पिछली सरकार की योजना को बंद किया गया है (Gehlot government scheme discontinuation) इसलिए कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने योजना बंद किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने नए साल से पहले हज़ारों राजीव गांधी युवा मित्रों का इंटर्नशिप कार्यक्रम समाप्त कर उन्हें बेरोजगारी का गिफ्ट दिया है।अगर भाजपा की राजनीतिक दुर्भावना सिर्फ नाम से थी, तो वो नाम बदल देते लेकिन युवाओं को बेरोजगार क्यों किया?जबकि पिछली भाजपा सरकार में पंचायत सहायकों की नियुक्ति हुई थी, हमारी सरकार आने पर उनका मानदेय बढ़ाकर उन्हें स्थाई करने के प्रावधान का प्रयास किया गया। भाजपा और कांग्रेस की नीति में यही फर्क है।