राजनांदगांव में स्कूलों की चयन सूची पर दो पक्ष आमने-सामने, शिक्षा विभाग की लापरवाही जारी, पांच साल में आधी हो गईं सीटें

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Shivam Dubey
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राजनांदगांव में स्कूलों की चयन सूची पर दो पक्ष आमने-सामने, शिक्षा विभाग की लापरवाही जारी, पांच साल में आधी हो गईं सीटें


 



नितिन मिश्रा, RAJNANDGAON. राजनांदगांव में स्कूलों में चयन सूची को लेकर बवाल चल रहा है। दो पक्ष आपस में भिड़े हुए हैं। दरअसल लॉटरी सिस्टम से चयन किया गया जिसमें एक गांव के 6 बच्चों का नाम आया। लेकिन गांव वालों ने उन्हें गांव का निवासी नहीं होना बताया। दस्तावेज़ो में शामिल किरायानामा को भी फर्जी बताया गया। वहीं स्कूलों की सीटें 5 हजार से घटकर 2500 हो गई हैं। मामले के पीछे ज़िला शिक्षा विभाग की लापरवाही बताई जा रही है। 



ये मामला है 



जानकारी के मुताबिक ज़िले में स्कूलों के एडमिशन शुरू हुए। पहले चरण में लॉटरी और आवेदन सिस्टम के जरिए नाम मंगाए गए। जिसकी सूची जारी कर दी गई है। बस उसके बाद से ही मामला गरमाना शुरू हो गया। चयन सूची को लेकर बोरी गांव में बड़ा मामला सामने आया। जिसमें लॉटरी सिस्टम के ज़रिए 6 बच्चों का नाम आया। लेकिन गांव के लोगों ने इन्हें गांव के निवासी होने से मना कर दिया। दस्तावेज़ो के साथ जमा किए गए किरायणामा को भी फर्जी करार दे दिया। जिसके बाद एक पक्ष एडमिशन कैंसिल करने के पीछे लगा हुआ है। वहीं दूसरा पक्ष इसके लिए राजधानी का दरवाजा खट-खटा रहा है। परिजनों का कहना हैं कि दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई होती तो इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। अब एडमिशन में भी देरी हो रही है। 



विभाग ने दोनों पक्षों को बुलाया



जानकारी के अनुसार मामले को सुलझाने के लिए विभाग ने दोनों पक्षों को बुलाया। जिसमें कुछ लोग मकान मलिक के साथ पहुंच गए।एक पक्ष अपने बच्चों के एडमिशन के लिए यहां-वहां दौड़ भाग कर रहे हैं तो दूसरा पक्ष सूची रद्द करने के लिए अड़ा हुआ है। इस संबंध में ग्रामीणों ने डीओ राजेश सिंह का घेराव किया है। वहीं अधिकारियों पर ठीक ढंग से दस्तावेज़ो की जांच ना करने का आरोप लगाया गया है। मामले की सुनवाई के  लिए तारीख़ तय की गई है। 



निजी स्कूल आरटीई कोटे में एडमिशन से बच रहे



निजी स्कूलों को आरटीई से मिलने वाली राशि अभी तक नहीं मिल पाई। जिससे अब निजी स्कूल आरटीई कोटा में बच्चों को एडमिशन देने से बच रहे हैं। यह 4 करोड़ रुपए की राशि ज़िले के 285 स्कूलों में देने थी लेकिन यह अभी तक नहीं दी गई है। इसका खामियाजा बच्चों के परिजनों को भुगतना पीडी रहा है। ज़िले में 5 हजार के करीब सीटे थी। लेकिन साल 2023 में सीटों की यह संख्या 2500 तक रह गई। 5 साल में आरटीई की सीटें 50 फीसदी घट गई हैं।जिसकी वजह से 50 फीसदी पात्र गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।


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