JODHPUR. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी के महा जनसंपर्क अभियान के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार (28 जून) को शाम 5 बजे जोधपुर जिले के बालेसर कस्बे में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होना है और यह जनसभा सीधे तौर पर इस चुनाव को भी प्रभावित करेगी। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर राजनाथ सिंह की सभा के लिए बालेसर को क्यों चुना गया? चुनाव से पहले बीजेपी क्या रणनीति अपना रही है।
शेरगढ़-बालेसर ने सबसे ज्यादा सैनिक दिए
पश्चिमी राजस्थान में सबसे ज्यादा सैनिक और गौरव सैनिक शेरगढ़ और बालेसर क्षेत्र से ही आते हैं। ऐसे में देश के रक्षा मंत्री की सभा बीजेपी इसी क्षेत्र को टारगेट लेकर कर रही है। जिससे कि पूरे पश्चिमी राजस्थान को एक मैसेज दिया जा सके। साथ ही यहां के पूर्व सैनिकों पर भी फोकस किया जा सके।
ये भी पढ़ें...
लोकसभा क्षेत्र का सेंटर पॉइंट
बालेसर का जो क्षेत्र सभा के लिए चिह्नित किया गया है। वह जोधपुर लोकसभा क्षेत्र का सेंटर पॉइंट कहा जाता है। जोधपुर लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों की शुरुआत लूणी से होती है तो अंत पोकरण तक है। बालेसर कस्बा इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्र के सेंटर में पड़ता है। ऐसे में पूरी लोकसभा क्षेत्र से आने वाले लोगों की सुविधा को देखते हुए भी यह क्षेत्र सभा के लिए चुना गया है।
राजपूत बाहुल्य क्षेत्र शेरगढ़ और बालेसर
शेरगढ़ और बालेसर क्षेत्र में बहुसंख्यक आबादी राजपूत समाज की है। राजनाथ सिंह भी राजपूत समाज के बड़े नेता हैं। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में राजपूत वोट बैंक मजबूत करने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कार्ड कहा जा सकता है।
योजनाओं और सम्मान को पेश करेगी बीजेपी
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर अब तक जितने भी कार्यक्रम हुए हैं। उनमें केंद्र सरकार की योजनाओं को भी नेता भुनाते हुए देखे गए हैं। इसके साथ ही हाल ही में पीएम मोदी को विदेश दौरों में जो सम्मान मिला है उसको भी देश के गौरव के साथ जोड़कर बीजेपी प्रस्तुत करने से नहीं चूकेगी। यही बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड भी हो सकता है।
गहलोत सरकार होगी टारगेट पर
कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए बीजेपी के लिए वैसे तो कई मौके हैं, लेकिन फिलहाल बिजली में फ्यूल सरचार्ज और अपराध के लगातार बढ़ते मामलों पर बीजेपी फोकस करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महंगाई राहत शिविरों के जरिए जो माहौल बनाया है उसका तोड़ अभी तक बीजेपी नहीं निकाल पाई है।