GWALIOR. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते ही जाति की राजनीति करने वालों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। राजपूत करणी सेना ने भी चेतावनी दी है कि विधानसभा चुनाव में क्षत्रियों को पर्याप्त टिकट नहीं मिले तो वह निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। उन्होंने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 27 अगस्त को मुख्यमंत्री से दो टूक चर्चा करने की बात कही। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने कहा कि भोपाल में 27 अगस्त को राजपूत करणी सेना केसरिया झंडा और हाथ में डंडा लेकर क्षत्रियों की राजनीतिक भागीदारी समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करेगी, जो जिस भाषा में समझेगा उसे उस भाषा में समझाएंगे।
मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने साफ कहा कि अपनी मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में 27 अगस्त को सुबह 10 बजे से महा पड़ाव की शुरुआत होगी। दोपहर 02 बजे तक अपनी मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम देंगे। उसके बाद सीधे सचिवालय के लिए कूच कर जाएंगे। वह अपनी मांगों को मनवा कर ही पीछे हटेंगे। मुख्यमंत्री से दो टूक चर्चा करेंगे। क्षत्रियों के हाथों में झंडा और मजबूत डंडा होगा, जो जिस भाषा में समझेगा उसे उस भाषा में समझाएंगे।
12 सूत्रीय मांगों को लेकर होगा आंदोलन
शेखावत ने कहा कि क्षत्रियों की राजनीतिक भागीदारी सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन होगा। उनकी मांग है कि इस बार मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री क्षत्रिय को बनाया जाए। प्रदेश की क्षत्रिय बाहुल्य विधानसभा सीटों पर प्रमुख राजनीतिक दल उन्हें ही टिकट दें अन्यथा वह क्षत्रिय उम्मीदवार को निर्दलीय मैदान में उतारेंगे।
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आरक्षित सीटों को सामान्य करने की मांग
डॉ. राज शेखावत ने उन सीटों पर भी सवाल खड़े किए जहां सवर्णों की आबादी ज्यादा है, लेकिन उन्हें अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। सरकार सिर्फ उन्हीं सीटों को आरक्षित करें जहां उनकी आबादी अधिक है। विधानसभा की सीट को संख्या बल के आधार पर आरक्षित किया जाए। करणी सेना ने एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग का भी विरोध किया है।