संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (आईडीसीए) की 16 साल बाद बागडोर बदली है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पद छोड़ने और अपनी जगह पुत्र व पूर्व विधायक आकाश का नाम आगे बढ़ाने के बाद इसे सहमति मिल गई और अब आकाश नए प्रेसीडेंट हो गए हैं। लेकिन इसी बीच सवाल उठ रहा है कि उनकी जगह विधायक रमेश मेंदोला क्यों इस पद पर नहीं आए? जब-जब कैलाश विजयवर्गीय ने पद छोड़ने की बात कही, हर बार मेंदोला का नाम उठा है, लेकिन इस बार सीधे आकाश का नाम कैसे आ गया?
विजयवर्गीय पद छोड़ेंगे तय था
विजयवर्गीय दस साल से ही पद छोड़ना चाहते थे लेकिन आईडीसीए में उनके आत्मीय संबंधों के चलते कभी भी सदस्यों ने उन्हें पद नहीं छोड़ने दिया। एक बार तो एजीएम में चिट्ठी ही भेज दी थी कि मैं पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सदस्यों ने चिट्ठी खारिज कर दी और उनकी गैर मौजूदगी में ही उन्हें प्रेसीडेंट चुन लिया। लेकिन नगरीय प्रशासन मंत्री बनने के बाद स्थितियां अलग थी और पहले ही साफ कर दिया था कि वह नहीं बनेंगे, यह नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा? उनकी बात पर इस बार कोर ग्रुप में सहमति बन गई।
फिर मेंदोला क्यों नहीं आए पद पर?
इसके बाद बात उठी की उनकी जगह नया कौन? इसमें दो ही नाम चर्चा में आए रमेश मेंदोला और दूसरा आकाश विजयवर्गीय। मेंदोला पहले से ही शहर के दो बड़े ए ग्रेड क्रिकेट क्लब के प्रमुख है, क्रिकेट से जुड़े हुए भी है। साथ ही कई क्रिकेट एसोसिशएन में विधायक या उस स्तर के नेता प्रेसीडेंट है, जैसे कि भोपाल में ध्रुव सिंह पूर्व विधायक प्रेसीडेंट है। लेकिन कोर कमेटी में यह बात भी आई कि मेंदोला मप्र ओलंपिक संघ के अध्यक्ष है। ऐसे में दो एसोसिएशनों में उनके प्रेसीडेंट होने से आगे चलकर समस्या आ सकती है। वहीं उनकी व्यस्तताओं के चलते समय की कमी रहेगी। यदि कैलाश विजयवर्गीय प्रेसीडेंट नहीं है तो ऐसा व्यक्ति चाहिए जो संस्था को समय दें और हितों का टकराव नहीं हो। इसके बाद बात आकर आकाश विजयवर्गीय पर टिक गई। आकाश के लिए बात आई कि वह युवा और सक्रिय है, अधिक समय भी दे सकते हैं।
कैलाश ने ही क्यों रखा आकाश का नाम
बैठक में कैलाश विजयवर्गीय द्वारा ही आकाश का नाम प्रस्तावित किया गया, जिससे किसी भी तरह की विवाद की स्थिति नहीं बने और सभी सदस्य भी यही समझें कि कैलाश विजयवर्गीय कहीं नहीं जा रहे हैं, आकाश संस्था को संभालेंगे और उनकी पूरी मदद रहेगी। कैलाश विजयवर्गीय का अब पूरा जोर है कि संस्था की लंबे समय से अटकी जमीन का काम पूरा कराया जाए। इससे बच्चों को खेलने के लिए बेहतर मैदान मिल सके। यह प्रस्ताव सालों से अटका हुआ है। ऐसे में विजयवर्गीय ने कहा भी कि यदि वह प्रेसीडेंट रहे तो जमीन मांगने के लिए चिट्ठी उन्हीं के नाम से जाएगी और आएगी भी नगरीय प्रशासन मंत्री होने के नाते मेरे पास। यह उचित नहीं होगा। यह जमीन का काम हो जाए, फिर मैं वापस आ जाउंगा। उनके इस प्रस्ताव के बाद आकाश को सर्वसहमति से प्रेसीडेंट चुन लिया गया।