संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस के महसाचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उज्जैन में 15 साल की बच्ची के साथ हुए रेप मामले में गंभीर खुलासा किया है। उन्होंने एमटीएच इंदौर में भर्ती बच्ची के स्वास्थ्य को लेकर शुक्रवार को डॉक्टरों से मुलाकात के बाद कहा कि उसके साथ दिल्ली के निर्भया कांड से भी ज्यादा वीभत्स घटना हुई है, उससे भी ज्यादा बच्ची के साथ हुआ है। बच्ची के सभी गुप्तांग नष्ट हो गए हैं। डॉक्टरों ने सर्जरी की लेकिन करीब एक महीना तो टांके खुलने में लगेंगे। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होने के लिए उसे कम से कम तीन माह का समय लगेगा। बच्ची अभी ट्रोमा में हैं। बता दें कि पुलिस ने पहले बच्ची की उम्र 12 साल बताई थी, हालांकि, FIR के मुताबिक बच्ची की उम्र 15 साल है।
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दलित और स्कूली छात्रा है बच्ची, पुलिस ने भिखारी बता दिया
सुरेजवाला ने आरोप लगाए कि बीजेपी सरकार और उनकी पुलिस ने मामले को दबाने के भारी प्रयास किए और बच्ची को भिखारी बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। लेकिन यह सामने आ चुका है कि बच्ची दलित परिवार की और सतना की होकर स्कूली छात्रा है। इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर किस साजिश के तहत उसे भिखारी बताया गया और सच्चाई छिपाई गई।
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सीएम और गृहमंत्री अब चुप्पी क्यों साधे हैं
सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए हमला किया, उन्होंने कहा कि बच्ची सतना से उज्जैन कैसे आई, यहां उसके साथ यह वीभत्स घटना हुई। इस पूरे मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जिन्हें मुंबई की हीरोइनों के कपड़े तो नजर आ जाते हैं, इस मालमे में चुप्पी साधे हुए हैं। सीएम खासकर रहस्यमयी और षडंयत्रकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
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कांग्रेस ने पांच लाख की आर्थिक मदद घोषित की
सुरजेवाला ने कहा कि कमलनाथ जी ने तय किया है प्रदेश कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवार को पांच लाख की मदद की जाएगी। हमने यह भी कहा कि गुडगांव के किसी भी निजी अस्पातल में उसका उपचार हम निशुल्क कराने के लिए तैयार है, लेकिन अभी बीजेपी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।
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उज्जैन की एफआईआर में बच्ची को भिखारी बताया है-
इस पूरे मामले में उज्जैन पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने एफआईआर में बच्ची को भिखारी बताते हुए बड़नगर निवासी बताया है। उसके हवाले से लिखा है कि एक जगह बैठी रहती है और जो खाने को दे देते हैं वह खा लेती है।
इसलिए भी सवाल खड़े हो रहे हैं-
सतना पुलिस ने भी तुरंत गुमशुदगी दर्ज करते हुए एक्शन लेने की जगह एफआईआर ही 24 घंटे बाद दर्ज की। उज्जैन की रेप विक्टिम सतना जिले की रहने वाली है। वह रविवार सुबह 10 बजे घर से निकली थी। उसके 60 वर्षीय बाबा (दादा) रात 10 बजे जैतवारा थाने में गुमशुदगी की शिकायत करने पहुंचे। थाना प्रभारी श्वेता मौर्य ने घरवालों को खुद ही तलाश करने की सलाह देकर 24 घंटे बाद आने को कहा। बाबा रिश्तेदारों के साथ पोती को रात भर सतना रेलवे स्टेशन और आसपास तलाशते रहे। सोमवार को फिर थाने पहुंचे। तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
- वहीं, उज्जैन पुलिस ने अगर सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) का रिकॉर्ड नहीं खंगाला होता तो पता नहीं चलता कि बच्ची सतना की है
- लड़की स्कूल ड्रेस में थी, इसके बावजूद पुलिस ने उसके स्कूल के बारे में पता करने की कोशिश नहीं की। उसे भिखारी ही मानकर चलते रहे
- उज्जैन के महाकाल थाने में बच्ची के साथ रेप की जो एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें उसे भिखारी और विक्षिप्त बताया गया है। बिना जांच के ही पुलिस इस दावे पर पहुंच गई थी कि वो बड़नगर कस्बे की रहने वाली है।
- एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि पीड़िता उज्जैन के मंदिरों के आसपास घूमती रहती है और लोगों से मांग कर खाती है, जबकि सच ये था कि वह रविवार देर रात उज्जैन पहुंची थी। इसके बाद दरिंदे के चंगुल में फंस गई।
- आरोपी को तलाशने पुलिस ने 400 से अधिक कैमरे खंगाल डाले। वह एक कैमरे में स्कूल ड्रेस में दिख रही है। मतलब साफ था कि वह छात्रा है। बावजूद पुलिस ने उसके स्कूल का पता लगाने की कोशिश नहीं की।