JAIPUR. जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से नाराज होकर महापौर मुनेश गुर्जर सहित 50 पार्षदों ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत काे भेजा है। यह पार्षद देर रात से ही निगम कार्यालय में धरने पर भी बैठे हुए हैं। महापौर मुनेश गुर्जर का आराेप है कि अतिरिक्त वर्मा ने मेरे और निगम के पार्षदों के साथ बदतमीजी करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इसके साथ ही वह जनता के काम और सफाई जैसे मुद्दों को लेकर लगातार काम में भी ढिलाई बरत रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में अगर सरकार ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित नहीं किया तो मेरे साथ नगर निगम के 50 पार्षद पार्षद पद से इस्तीफा देंगे। मुनेश ने 50 पार्षदों के साथ अपना इस्तीफा लिख मुख्यमंत्री को भेज दिया है।
इसलिए है विवाद
दरअसल, नगर निगम के पार्षदों को उनके इलाकों में पांच अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। इसके लिए टेंडर निकलने वाला था। पार्षदों का आरोप है कि राजेन्द्र वर्मा 15 दिनों से टेंडर नोटशीट पर साइन नहीं कर रहे हैं, जबकि क्षेत्र में मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है। 15 दिन बाद शुक्रवार को 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही।
इस पर महापौर मुनेश गुर्जर ने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा को अपने ऑफिस में बुलाया, लेकिन वर्मा के नहीं आने पर सभी पार्षद उनके कक्ष में गए और उन्हें जबरन महापौर के कक्ष में ले आए। जहां वर्मा ने एक बार फिर साइन नहीं करने की बात कही। इसके बाद वर्मा की महापौर और पार्षदों से बहस हो गई। इससे नाराज पार्षदों ने राजेंद्र वर्मा को महापौर कक्ष में बंद कर दिया। हालांकि, इसके कुछ देर बाद मंत्री महेश जोशी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद ही वर्मा महापौर के कमरे से निकल सके। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी ने वह निगम से देर रात घर के लिए रवाना हुए।
अतिरिक्त आयुक्त बोले- मैंने नहीं की बदतमीजी
मैंने किसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया है, बल्कि कुछ पार्षदों ने मेरे साथ बदतमीजी की है। पार्षद जिस नोट शीट पर मेरे साइन करवाना चाहते हैं। उस पर फिलहाल कमेटी का निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में कमेटी के निर्णय के बाद ही इस पर साइन करूंगा।