इंदौर. इंदौर गुरुसिंघ सभा के चुनाव में नया मोड़ आ गया है। सभा के प्रधान रिंकू भाटिया पर उनका दांव उलटा पड़ रहा है। अब तक चुनाव टालने के आरोपों का सामना कर रहे मुख्य चुनाव अधिकारी राजिंदर सिंह बाबा को समाज का समर्थन मिलने लगा है। गुरुसिंघ सभा इस बात से भी नाराज है कि रिंकू भाटिया अपनी राजनीति के लिए समाजजनों की व्यक्तिगत छवि को सरेआम धूमिल कर रहे हैं।
दरअसल, गुरुद्वारे में हिंदू लड़के और पंजाबी लड़की की शादी के फेरे लिए जाने की बात कही जा रही है। सभा के प्रधान रिंकू भाटिया ने इसकी शिकायत अकाल तख्त में कर दी है। इसके बाद से ही चुनाव का दफ्तर बंद है। इसके चलते 11 फरवरी को घोषित चुनाव ही संकट में आ गए हैं।
चुनाव टलना तय
चुनाव कार्यक्रम जो पहले घोषित करने की बात कही जा रही थी, वह अभी ठंडे बस्ते में है। चुनाव नामांकन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है, ऐसे में तय है कि 11 फरवरी का चुनाव उलझ गया है। यदि चुनाव फिर टले तो तीन-चार माह के लिए बात जा सकती है, क्योंकि मार्च में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो जाएंगी और फिर ऐसे में प्रशासन चुनाव के लिए मंजूरी नहीं देगा, जिस तरह से विधानसभ चुनाव के समय पर मंजूरी नहीं मिली थी।
समाज में आक्रोश
रिंकू भाटिया की ओर से हिंदू लड़के और पंजाबी लड़की की शादी को मुद्दा बनाया जा रहा है। समाज के वरिष्ठजनों ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर 'द सूत्र' को बताया कि रिंकू भाटिया की इस हरकत से समाज और इंदौर गुरुसिंघ सभा में भारी आक्रोश है। समाजजनों का कहना है कि चुनावी राजनीति के लिए किसी के व्यक्तिगत जीवन को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। रिंकू भाटिया की ओर से जिस प्रकार व्यक्ति विशेष को टारगेट कर अपने हित साधने का प्रयास किया जा रहा है, वह गलत है। इस तरह का निंदनीय कार्य किए जाने से समाज की एकता पर गलत प्रभाव पड़ेगा। इससे समाज की प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। समाज की छवि खराब होती है। अपने ही जाल में फंस चुके रिंकू भाटिया इस भंवर से कैसे निकल पाएंगे, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन उनका यह दांव उन पर उलटा पड़ गया है, यह तो तय है और इसका फायदा मुख्य चुनाव अधिकारी राजिंदर सिंह बाबा को मिलता दिखाई पड़ रहा है।