संजय गुप्ता, INDORE. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के 1982 से प्रचारक और वर्तमान में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक सतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि साल 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। मोदी के पहले मैं गारंटी देता हूं, क्योंकि मैं देश की युवाशक्ति को जानता हूं, साल 2040 तक दुनिया की यह पहली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। हालांकि उन्होंने इस बात पर चिंता जताई की आज आर्थिक प्रगति की रफ्तार भारत की सबसे ज्यादा है लेकिन, वहीं जब बेरोजगारी की बात आती है तो यह जी-20 देशों में पिछले पायदान पर खड़ा आता है, यह एक बड़ी समस्या है।
रोजगार के लिए युवाओं और समाज की सोच को बदलना होगा
सतीश कुमार ने एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री मप्र में हुए कार्यक्रम में मीडिया से चर्चा में कहा कि अभी युवाओं और समाज की सोच रोजगार को लेकर है कि नौकरी हो वह भी सरकारी। जबकि स्वरोजगार की तरफ जाना होगा, मैनफैक्चरिंग के लिए जाना होगा, अपनी मानसकिता को बदलना होगा। आज हमे खूब स्टार्टअप खड़े करने हैं, स्वरोजगार में जाना है। हमारे युवा तेजी से इस सेक्टर में मैनुफैक्चरिंग में जा रहे हैं। इसलिए हमने स्वावलंबी भारत अभियान चलाया है, क्योंकि देश में हर महीने 9 लाख युवा रोजगार के लिए आ रहे हैं, इतने लोगों को रोजगार देना सरकार के बस में नहीं है।
चुनाव के पहले फ्री बिज जैसी घोषणाएं राजनीतिक दल करते हैं
मुफ्त की घोषणाओं को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ बातें सरकार और राजनीतिक दलों की है। लोकसभा चुनाव आने वाला है, राजनितिक दल अपने हिसाब से यह करती है, जिस समय चुनाव होता है। इसमें कुछ भी ठीक और कुछ भी गलत नहीं होता, हम पॉजीटिव कैंपेन कर रहे हैं हमारे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। राजनीतिक दल तो सभी कहते हैं कि हमें सत्ता में लाओ हम रोजगार देंगे, लेकिन 70 सालों में तो बेरोजगारी दूर नहीं हुई है। दल और सरकार यह दूर नहीं कर सकती है। इसलिए हम लोग क्या कर सकते हैं इसलिए यह अभियान चलाया है।
जीएसटी से रोजगार बढ़ा है
उन्होंने जीएसटी से रोजगार बढ़ने या घटने के सवाल पर कहा कि जीएसटी ग्रैंड सक्सेस है। इसने इनफार्मल इंडस्ट्री को फार्मल रूप दिया है, पहले जो टैक्स 90 हजार करोड़ प्रति माह था वह 1.60 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इससे देश में रोजगार में काफी मदद मिली है।
सरकार बिजनेस नहीं करे
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार छोटी होना चाहिए उन्हें बिजनेस, मैनुफैक्चरिंग में नहीं आना चाहिए, एयर इंडिया वह क्यों चलाएं, अब निजी हाथों में है तो प्रॉफिट में आ गई है। सरकार जितनी छोटी होगी, उतनी ही बेहतर होगी।