JAIPUR. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मणिपुर में हुई महिलाओं से दरिंदगी को लेकर सत्तारूढ कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट असफल नजर आया। विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों को मणिपुर में महिलाओं से बर्बरता को लेकर BJP को घटना से जुड़ी तख्तियां लहराते हुए घेरना शुरू किया तो सरकार के सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा खड़े हो गए और कहा कि राजस्थान में जिस तरह से महिला अत्याचार के मामले में हमारी सरकार फेल रही है, हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
विधानसभा में मणिपुर हिंसा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार को लेकर कांग्रेस विधायक तख्तियां लेकर हंगामा करने लगे, इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस भी हुई। इस बीच मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और राजेंद्र राठौड़ के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली, खाचरियावास ने कहा कि मणिपुर मामले में बीजेपी को जवाब देना चाहिए। तभी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा कुछ बोलने लगे, लेकिन सभापति ने उन्हें बोलने से रोक दिया। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री शायद सरकार की ओर से जवाब दे रहे होंगे, उन्हें क्यों बैठाया जा रहा है। सभापति ने गुढ़ा को बोलने का मौका दिया तो राजेंद्र गुढ़ा खड़े हुए और बोले कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए और यह सच्चाई है कि राजस्थान में महिला सुरक्षा में हम असफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिला अत्याचार बढ़े हैं, हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
मंत्री के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष ने दी बधाई
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बयान पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार में सामूहिक जिम्मेदारी होती है। संविधान में लिखा है कि सरकार का एक मंत्री बोलता है तो इसका मतलब पूरी सरकार बोल रही है, ऐसे में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सरकार की कलई खोल दी है। राठौड़ ने कहा कि मैं राजेंद्र गुढ़ा को तो बधाई देता हूं लेकिन मंत्री का यह स्वीकार करना साफ बता रहा है कि राजस्थान में महिला अत्याचार बढ़े हैं। गौरतलब है कि राजेन्द्र गुढा उन छह विधायकों मे से एक हैं जो बसपा से कांग्रेस में आए है। वे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ थे, लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार में मंत्री तो हैं, लेकिन विरोधी रूख अपनाया हुआ है और अक्सर अपनी ही सरकार और मंत्रियों को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं।