JAIPUR. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे दिख रहे सचिन पायलट को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव की नई जिम्मेदारी दी है। यानी उन्हें फिलहाल के लिए राजस्थान से बाहर भेज दिया गया है। ऐसे में राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का मामला अब काफी रोचक होता दिख रहा है।
अभी तक नेता प्रतिपक्ष का फैसला नहीं
राजस्थान में कांग्रेस ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष का फैसला नहीं किया है, और सचिन पायलट को इसका सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के टकराव को देखते हुए पायलट की नई जिम्मेदारी को राजनीतिक लिहाज से अहम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद जब केंद्रीय पर्यवेक्षकों भूपेंद्र हुड्डा और मुकुल वासनिक ने जब विधायकों से नेता प्रतिपक्ष के बारे में रायशुमारी की थी तो गहलोत गुट की ओर से आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल का नाम आगे किया गया था। अब पायलट के छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनने से कम से कम अभी तो उनका नेता प्रतिपक्ष पद पर आना मुश्किल माना जा रहा है, क्योंकि अब लोकसभा चुनाव हैं इसलिए उन्हें अपना समय वहां देना होगा और इसी दौरान राजस्थान में विधानसभा का पहला सत्र चलेगा।
गहलोत गुट के किसी नेता को मिल सकता है मौका
नेता प्रतिपक्ष के एक और दावेदार हरीश चौधरी को पंजाब प्रभारी के पद से हटा दिया है ऐसे में हरीश चौधरी के भी आसार है लेकिन जाट समुदाय के ही गोविंद सिंह डोटासरा अभी प्रदेश अध्यक्ष है। ऐसे में दोनों पद जाट समुदाय को जाना मुश्किल है।
इस स्थिति में माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष पद पर गहलोत गुट के ही किसी नेता को मौका दिया जा सकता है। यह मालवीय भी हो सकते है और गहलोत के करीबी शांति धारीवाल भी हो सकते हैं। हालांकि धारीवाल के साथ भी कांग्रेस आला कमान के साथ बगावत का मामला जुड़ा हुआ है।