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BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2 याचिकाएं खारिज कर दी हैं। पहला जाति मामला और दूसरा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी गई है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर लगाई गई अवमानना याचिका पर चीफ जस्टिस की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जोगी के निधन होने की जानकारी दी गई, इस आधार पर याचिका खारिज कर दी गई।
नंदकुमार साय ने लगाई थी याचिका
पूर्व राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार साय ने साल 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी समेत अमित जोगी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रवक्ता सुब्रत डे के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई थी। इसमें आदेश का पालन नहीं करने की वजह से उचित कार्रवाई की मांग की गई थी।
अब इस मामले में नहीं होगी सुनवाई
इस पूरे मामले पर मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान साय के वकील की तरफ से बताया गया कि उनके क्लाइंट से उन्हें इस मामले में किसी तरह का निर्देश नहीं मिला है। साथ ही जोगी का निधन हो चुका है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर अवमानना याचिका, क्रिमिलन खारिज कर दी है। यानी अब इस मामले में कोई सुनवाई नहीं होगी।
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चंद्रलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की याचिका खारिज
चंदूलाल चंद्राकर कॉलेज के अधिग्रहण के बाद निजी कंपनी के कर्मचारियों ने नौकरी से निकालने के खिलाफ याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की याचिका ने कहा है कि विधायिका की कार्रवाई पर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत लागू नहीं होते। छत्तीसगढ़ सरकार ने सितंबर 2021 को चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का निर्णय लिया। अधिग्रहण के प्रावधान के तहत चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की सारी संपत्ति पर राज्य सरकार का अधिकार होगा। इसके लिए बाकायदा विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कॉलेज का अधिग्रहण किया गया था। प्रक्रिया पूरी करने के बाद राज्य शासन की ओर से कॉलेज में नर्स के 176 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।