देश में चलेगा संत शक्ति आंदोलन, साध्वी सरस्वती ने कहा- सनातन संस्कृति विरोधी मानसिकता वाली 2 दर्जन पार्टियां

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Vikram Jain
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देश में चलेगा संत शक्ति आंदोलन, साध्वी सरस्वती ने कहा- सनातन संस्कृति विरोधी मानसिकता वाली 2 दर्जन पार्टियां

BHOPAL. देश में सनातन और संस्कृति के प्रति अब संत समाज को जागरुक करने आंदोलन चलाएंगे। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से हो रही है और इस आंदोलन में देशभर के संत, आचार्य, महामंडलेश्वर, कथा वाचक जुड़ेंगे। बुधवार को संत समाज की ओर से इस आंदोलन की जरुरत और रूपरेखा के बारे में बताया गया। इस दौरान मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद महाराज और साध्वी सरस्वती ने बड़ा बयान दिया।

संत शक्ति आंदोलन को लेकर दी जानकारी

भोपाल के एक निजी होटल में संतों ने प्रेस वार्ता की। इसमें महाराष्ट्र आश्रम से महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती, मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक के महामंडेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती, भृतहरि गुफा उज्जैन के महंत रामनाथ महाराज और हिन्दू शेरनी के नाम से चर्चित गोसेवक और कथावाचक साध्वी सरस्वती ने संत शक्ति आंदोलन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती की अगुवाई में होगा आंदोलन

साध्वी सरस्वती ने कहा प्रधानमंत्री ने एक साल पहले देश, समाज और धर्म की रक्षा के लिए संतों से आगे आने और अलख जगाने का आह्वान किया था। इस पर विचार के बाद चिड़यानम आश्रम मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती की अगुवाई में संत शक्ति आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है। देश में दो दर्जन से ज्यादा राजनीतिक दल है जो देश विरोधी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और जिहादी मानसिकता वाले हैं लेकिन सनातन और संस्कृति की रक्षा की मानसिकता वाला एक ही दल बीजेपी है। संत एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में भाला थाम लें और अपने आश्रम के साथ समाज और धर्म की रक्षा का संकल्प कर लें तो सनातन सुरक्षित हो जाएंगे।

विधर्मिओं को सुधारने संत शास्त्र और शस्त्र से तैयार

साध्वी सरस्वती ने कहा संत गद्दी पर भले न बैठे हों पर संतों ने ही राज्यों को चलाया है। जिन राज्यों में धर्म विरोधी लोग सत्ता में हैं उन्हें कुर्सी से नीचे उतार देंगे। हमारे वेद भी कहते हैं जब कोई राजा दुष्ट और धर्म विरोधी हो जाता है तो उसे संत ही शास्त्र और शस्त्र के माध्यम से सुधारते हैं। 500 वर्ष बाद देश में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का प्रसंग आया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद द्वारा देश भर में अक्षत वितरण कर अपने घरों में, मंदिरों में इस शुभ अवसर पर दीपोत्सव मनाने, सुंदरकांड का पाठ करने का आह्वान किया जा रहा है। संत शक्ति आंदोलन किसी पार्टी के विरोध में नहीं है, पार्टी का नाम केवल इसलिए लिया जा रहा है ताकि धर्म विरोधिओं को चिन्हित किया जा सके। इस आंदोलन के माध्यम से देश भर में संतों को जागरुक किया जा रहा है। हमें ऐसे लोगों की जरुरत है जो राम के काम आ सकें।

सनातन को अपमानित करने चल रहे हैं षड़यंत्र

महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती ने कहा 2014 के बाद विश्व पटल पर व्यापक परिवर्तन हुआ है। विश्ले 9 सालों में भारत और सनातन की छवि भी चमकी है। अब देश में आने वाले दुनिया के नेता सनातन की आभा से प्रभावित नजर आते हैं। इस परिवर्तन को देखकर धर्मविरोधी लोग सक्रीय हो गए हैं और सनातन को अपमानित करने वाली बातें कर रहे हैं। कुछ धर्माधिकारिओं, शंकराचार्यों को किसी बात को लेकर आपत्ति हो सकती है तो उसे दूर करने संगठन के वरिष्ठजन प्रयास कर रहे हैं। धर्मविद्वेषी लोग इसको लेकर भी भ्रम फैला रहे हैं।

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