Dindori. डिंडौरी में टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए, वन्य जीवों की खालों की तस्करी में लगे 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से टीम ने एक बाघ और तेंदुए की खाल बरामद की। खास बात यह है कि 8 सदस्यीय इस गिरोह में 4 सदस्य सरपंच और उपसरपंच जैसे पदों पर निर्वाचित लोग शामिल हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का खाल तस्करी से कनेक्शन सामने आने के बाद वन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र कह रहे हैं कि टीम पर काफी दबाव है, इसलिए नाम उजागर नहीं किए जा रहे।
पंचायत के विकास के बजाय खाल तस्करी
दरअसल टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन परिक्षेत्र डिंडौरी की टीमों ने दो स्थानों पर दबिश देते हुए खाल तस्कर गिरोह के 8 सदस्यों को पकड़ा था। पकड़े गए आरोपियों में से 4 लोग अनूपपुर जिले के निवासी हैं जबकि 4 डिंडौरी के। सूत्रों के मुताबिक 8 आरोपियों में से 4 लोगों में से दो उपसरपंच, एक सरपंच और एक जन शिक्षक गिरोह के सदस्य थे। जिनकी निशानदेही पर टीम ने एक बाघ और तेंदुए की खाल बरामद की है।
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ग्राहक की तलाश में थे तस्कर
बताया जा रहा है कि मुखबिर से वन विभाग को सूचना मिली थी कि खाल तस्करी के गिरोह द्वारा मोटी रकम देने वाले ग्राहक की तलाश की जा रही थी। सूचना की तस्दीक करने के बाद टीम ने दो स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की गई। टाईगर स्ट्राइक फोर्स ने दोनों मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। लेकिन जनप्रतिनिधियों के नाम सामने आने के बाद वन विभाग अभी तक इस कार्रवाई को सार्वजनिक करने से बच रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में मिलते हैं अच्छे दाम
एक जानकारी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बाघ और तेंदुए की खाल के बदले 1.5 करोड़ और 75 लाख रुपए मिल जाते हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर तस्कर कुछ हजार रुपयों में ही दलालों से खाल का सौदा कर लेते हैं। फिलहाल टीम गिरोह के सदस्यों से खाल के दलालों और अन्य सदस्यों के संबंध में पूछताछ कर रही है।