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शिवम दुबे, Raipur. तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ा झटका लगा है। कोल मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो गई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने उन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि 2 दिसंबर 2022 से सौम्या चौरसिया जेल में है, कोर्ट केस फैसले के बाद उन्हें कोई भी राहत नहीं मिली है।
5 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
छत्तीसगढ़ कोल लेवी मामले में गिरफ्तार सौम्या चौसरिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट थी, 5 दिसंबर को सौम्या चौरसिया की इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया। 5 दिसंबर की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में ही हुई थी, जिसका फैसला आज यानी कि 14 दिसंबर को सार्वजनिक कर दिया गया है।
पिछले 1 साल से जेल में हैं सौम्या
कोल लेवी मामले में सौम्या चौरसिया को बीते साल यानी 2 दिसंबर 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, उसके बाद से सौम्या चौरसिया लगातार केंद्रीय जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर बेल याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि सौम्या चौरसिया के खिलाफ मामला नहीं बनता, साथ ही जबकि हाईकोर्ट ने ज़मानत याचिका ख़ारिज की, उसके पहले कर्नाटक की बैंगलोर कोर्ट से शेड्यूल अफेंस हट गए थे। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से जमानत दिए जाने के पक्ष में तर्क दिए कि सौम्या चौरसिया एक महिला है उनके दो बच्चे हैं और इस मामले में लंबा समय लगने वाला है।
क्या है पूरा मामला?
सौम्या चौरसिया को ईडी ने 500 करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी का आरोप है कि, कोयला ट्रांसपोर्ट में 25 रुपए टन की लेव्ही ली जाती थी। ईडी ने इस इस मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि, लेव्ही वसुलने के लिए नियमों को बदल कर उसे मैनुअल कर दिया गया। ईडी के अनुसार सूर्यकान्त तिवारी बेहद प्रभावशाली था, सूर्यकांत को असीमित शक्ति और प्रभाव कार्यवाहक पूर्व सीएम भूपेश की (निलंबित) उप सचिव सौम्या चौरसिया से मिलती थी। ईडी का आरोप है कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और लेव्ही वसुली से रक़म मिलती थी जिससे संपत्ति अर्जित की।