कोर्ट के आदेश को सिंधिया ने दी चुनौती, नारायण बिल्डर को बेची जमीन निजी घोषित करने के मामले में सिंधिया ने दायर की अपील

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Pooja Kumari
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कोर्ट के आदेश को सिंधिया ने दी चुनौती, नारायण बिल्डर को बेची जमीन निजी घोषित करने के मामले में सिंधिया ने दायर की अपील

GWALIOR. ग्वालियर में महलगांव मौजे की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां माधवीराजे सिंधिया ने हाई कोर्ट के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि महलगांव मौजे का सर्वे नंबर 1211/1 की 0.763 हेक्टेयर भूमि लगभग तीन बीघा जमीन पर कोर्ट ने यशवंतराव राणे का मालिकाना हक मानते हुए सिंधिया परिवार और गजराराजा मातोश्वरी ट्रस्ट को जमीन की बिक्री व नवीन निर्माण पर रोक लगाई थी।

निर्माण पर लगाई थी रोक

जानकारी के मुताबिक ये जमीन माधवीराजे सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया व चित्रांगदा सिंह ने बिना अधिकार के नारायण बिल्डर को बेच दी थी। अब इस पर दूसरी ओर नारायण बिल्डर ने भी अपील दायर की है, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रिकॉर्ड तलब किया है। बताया जा रहा है कि महलगांव मौजे की जमीन पर सिंधिया परिवार के गजराराजा मातोश्वरी ट्रस्ट और यशवंत राव राणा के बीच चल रहे विवाद में राणे परिवार की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विवादित जमीन को राणे परिवार की मानते हुए इस जमीन की बिक्री और यहां किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी।

कोर्ट के आदेश को सिंधिया ने दी चुनौती

इस मामले में यशवंत राव निवासी ललितपुर कॉलोनी ग्वालियर ने न्यायालय में एक दावा जमीन पर स्वामित्व की घोषणा को लेकर प्रस्तुत करते हुए कहा था कि उनकी कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 1211 /1, 1211 / 2 एवं 12 11 / 3 कल 6 बीघा चार विश्व जमीन महल गांव में स्थित है। यह जमीन उनके पिता स्वर्गीय कृष्ण राव राणे रिटायर्ड मैनेजर जनरल के स्वामित्व की थी। जमींदारी समाप्त होने के बाद कृषि का अधिकार और जमीन के स्वामी के अधिकार उन्हें प्राप्त थे। उनके देहांत के बाद एकमात्र आधिपत्य यशवंत राव के पास है जो वायुसेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत होकर वर्तमान में भू राजस्व संहिता के तहत निशक्त व्यक्ति की श्रेणी में आता है जब उन्होंने इस जमीन की जानकारी प्राप्त की तो पता चला सर्वे क्रमांक 1211/1 जो की तीन बीघा दो विश्व है स्वर्गीय माधव सिंधिया के नाम से खाना क्रमांक 12 में दर्ज होकर उल्लेखित किया गया है।

कंट्रोलर हाउस होल्ड का आदेश हुआ शून्य

सर्वे क्रमांक 12 11 / 1 पर माधव अंधश्रम तथा 12 11 / 2 पर म्युनिसिपालिटी का नाम अंकित है जबकि यह जमीन उनके पिता कृष्णा जी राव की मौसी कृषक के नाम रही है उक्त संपत्ति बिना सूचना दिए पूर्व में कंट्रोलर हाउसहोल्ड ग्वालियर के आगे से छत्रीबाग मातेश्वरी साहिब गजरा राज्य के नाम अंकित कर दी गई थी। कंट्रोलर हाउस होल्ड ने आदेश कर स्वर्गीय माधव सिंधिया का नाम गलत रूप से अंकित कर दिया और भूमि का स्वरूप बदल दिया। जिसके कारण कंट्रोलर हाउस होल्ड का आदेश शून्य हो जाता है। यह संपत्ति उनके है इसलिए गजरा राजा मातोश्री को कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता है तथा उसके बाद सिंधिया और उनके वारिशों को भी कोई अधिकार प्राप्त नहीं होते। मात्र खसरे में नाम होने से इस संपत्ति को बेचने के अधिकार भी उन्हें नहीं है। जिस पर कोर्ट ने जमीन की बिक्री व कोई भी निर्माण पर रोक लगाई थी। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया व माधवी राजे सिंधिया ने याचिका दायर की है। बुधवार को ये याचिका प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के यहां लिस्ट है।

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