BHOPAL. मध्यप्रदेश में 6 साल बाद हुई पटवारी भर्ती परीक्षा का विवाद थम नहीं रहा है। पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद एक सेंटर पर गड़बड़ी के आरोप लगे। मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार ने जांच के आदेश दे दिए और भर्ती प्रक्रिया रोक दी। कांग्रेस लगातार इसे लेकर मोर्चा खोले हुए है और इधर सोमवार को राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में पटवारी भर्ती परीक्षा में सिलेक्टेड कैंडिडेट्स ने प्रदर्शन किया। सिलेक्टेड कैंडिडेट्स ने कहा कि वे प्रदर्शनकारी नहीं है, बल्कि बेरोजगार छात्र हैं। उन्होंने मांग कि है कि शिवराज मामा अपने वादे को निभाए और 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग दे।
सुबह से ही भोपाल पहुंचने लगे थे सिलेक्टेड कैंडिडेट्स
पटवारी भर्ती परीक्षा के सिलेक्टेड कैंडिडेट्स सोमवार सुबह से ही भोपाल पहुंचने लगे थे। सुबह 10.30 बजे तक करीब 1 हजार कैंडिडेट्स नीलाम पार्क में इकट्ठा हो गए। इसके बाद हाथों में पंपलेट लिए सभी ने 15 अगस्त तक नियुक्ति देने के संबंध में नारेबाजी की। मौके पर पुलिस बल भी तैनात रहा।
घर वालों को काफी उम्मीदें
सिलेक्टेड कैंडिडेट्स का कहना है कि कुछ लोगों की गलती की सजा 9 हजार चयनित अभ्यर्थियों को दिया जाना गलत है। उन्होंने काफी मेहनत करके ये परीक्षा पास की है। घर वालों को उनसे काफी उम्मीदें है, यदि अब भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली तो ये उनके साथ अन्याय होगा।
राजनीति के कारण भविष्य खराब नहीं होने देंगे
सिलेक्टेड कैंडिडेट्स ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में 12 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। 10 लाख से अधिक तो निर्धारित अंक भी नहीं ला पाए। अब वे प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पूरे मामले में राजनीति हुई है, लेकिन इस राजनीति के कारण हम अपना भविष्य खराब नहीं होने देंगे।
जिसने गलत किया उसे मिले सजा
सिलेक्टेड कैंडिडेट्स ने कहा कि यदि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होना चाहिए। जांच के बाद जो दोषी मिले उसे सजा भी हो, लेकिन इसके लिए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रोकना ठीक नहीं है। कैंडिडेट्स ने कहा कि ये कोई प्रदर्शन नहीं है, हम बस अपने मामा तक अपनी बात पहुंचाने आए हैं।
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