संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में विजयनगर पुलिस थाने के पीछे 16 जनवरी 2019 को शाम पौने सात बजे हुए संदीप तेल उर्फ अग्रवाल हत्याकांड के मामले में 25 फरवरी 2019 से ही जेल में बंद मुख्य आरोपी व षड्यंत्रकारी रोहित सेठी जेल से बाहर आ गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वार सशर्त जमानत देने के बाद उसके द्वारा एक लाख की जमानत राशि भर दी है और इसके बाद वह उज्जैन जेल से रिहा हो गया है। देहरादून में भी उस पर एनडीपीएस का केस (गांजा जब्त होने) दर्ज था, जिसमें पहले ही जमानत हो चुकी है। इसके चलते वह जेल से बाहर आ गया है। वहीं इस जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उस पर कई शर्तें लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह लगाई शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उसे अदालत में हर सुनवाई के दिन उपस्थित होना है, नहीं तो इसे जमानत का दुरुपयोग माना जाएगा। संदीप तेल की पत्नी जमानत रद्द करने की मांग कर सकेगी। ट्रायल कोर्ट चाहे तो जमानत को लेकर और भी शर्तें लगा सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर ने बताया कि ट्रायल कोर्ट में इतने समय में भी 89 गवाहों में से 12 गवाहों की ही गवाही हो सकी है और अभी 75 से ज्यादा गवाह बाकी हैं, जिनकी गवाही कराई जा रही है, लेकिन इसमें लंबा समय लगेगा। आरोपी वैसे ही साढ़े चार साल से जेल में हैं, इन्हीं कारणों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। वहीं जानकारी के अनुसार इस मामले मे मुख्य शिकायकर्ता दीपक ही बयान से पलट गया और अन्य प्रमुख गवाह भी बयानों से पलट गए, जिसके चलते भी सेठी को राहत मिल गई है।
17 करोड़ का विवाद और हत्या की पूरी कहानी
संदीप तेल ने केबल के कारोबार में रोहित सेठी की मदद की थी और एसआर केबल के कारोबार में 17 करोड़ का निवेश किया था। यह राशि तेल मांग रहा था, लेकिन जब नहीं दी तो उसने खुद को इस कारोबार में 50 फीसदी का पार्टनर घोषित कर दिया और दफ्तर में जाकर बैठने लगा था। रुपए लौटाने के लिए सेठी ने 50-50 लाख रुपए के तीन चेक अपने व्यक्ति मनीष शर्मा के जरिए भेजे थे जिसे लेने से तेल ने मना कर दिया था। दोनों के बीच बढ़े विवाद के चलते सेठी ने सुधाकार राव मराठा को तेल को मारने की सुपारी दी थी। मराठा को इसके लिए दस लाख रुपए और जमीन देने की बात हुई थी। इसके बाद मराठा ने हत्या के लिए शूटर्स हायर किए थे। इसके बाद कई दिनों तक तेल की रैकी की गई, खुद सेठी और मराठा ने अपनी मर्सिडीज कार से कई बार तेल की रैकी की थी। पुलिस जांच में यह बात भी आ चुकी है कि हत्या के पांच दिन पहले 11 जनवरी को डकाच्या फार्म हाउस पर सभी की बैठक हुई जिसमें हत्या की साजिश को अंतिम रूप दिया गया। इसके सीसीटीवी फुटेज बैरियर से कारों के जाते हुए और सभी के सिम कार्ड के आधार पर मोबाइल टॉवर लोकेशन भी मौजूद है। पिस्टल खरीदी के लिए सेठी ने भोपाल स्थित एसआर केबल के दफ्तर से एक लाख रुपए निकाले और यह देवास में एक व्यक्ति के पास बस कंडक्टर के जरिए पहुंचाए और यह राशि मराठा के पास पहुंची जिससे पिस्टल खरीदी गई। इस साजिश के बाद तेल की हत्या तय दिन 16 जनवरी को की गई और मराठा ने प्लानिंग कर मारपीट के केस में खुद को उस दिन गिरफ्तार करा लिया था। हत्या के बाद सेठी फरार हो गया, जो बाद में देहारदून में पकड़ा गया था। फिर इंदौर पुलिस उसे इंदौर लेकर आई थी। तभी से वह जेल में ही था। हाईकोर्ट इंदौर से उसकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट में सेठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, पुनित जैन ने पैरवी की थी।