मारुतराज, BHOPAL. पेटीएम का शेयर टाइटैनिक जैसा बन गया है और इसमें सवार मध्यप्रदेश के निवेशकों के अब तक 34 करोड़ 68 लाख रुपए डूब चुके हैं। पेटीएम के शेयरों में ये गिरावट कब थमेगी, ये दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है। पेटीएम का क्या होगा, ये तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन इसने एमपी के निवेशकों की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई के नुकसान के साथ उनके विश्वास को हिलाकर रख दिया है।
मध्यप्रदेश से 5 फीसदी कारोबार
भोपाल में कल्पतरु फाइनेंशियल के संचालक आदित्य मन्या जैन से पेटीएम के मौजूदा हालातों को देखते हुए बात की। उनका कहना है NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले कुल रिटेल कारोबार का 5 फीसदी मध्यप्रदेश से होता है। इस हिसाब से माना जाए तो पेटीएम की ट्रेडिंग में गुरुवार और शुक्रवार के वॉल्यूम में करीब 5 फीसदी एमपी से हुआ होगा। गुरुवार और शुक्रवार को पेटीएम में करीब 1 करोड़ शेयर्स का कारोबार हुआ। इस हिसाब से करीब 5 लाख शेयर्स मध्यप्रदेश से बेचे गए।
सर्किट लिमिट को 10 परसेंट किया
पेटीएम का शेयर बुधवार को 761 रुपए पर बंद हुआ था। इसी दिन शाम को आरबीआई ने पेटीएम के बैंकिंग कारोबार पर रोक लगा दी। गुरुवार को ये 20 फीसदी के लोअर सर्किट पर खुला। इसके बाद शुक्रवार को भी शेयर 20 फीसदी के लोअर सर्किट पर खुला। इस तरह 2 दिन में 761 से 487 रुपए पर आ गया। यानी महज 2 दिन में 274 रुपए टूट गया। अब सेबी ने इसकी सर्किट लिमिट को घटाकर 10 फीसदी कर दिया है, जो सोमवार से लागू होगा। यानी सोमवार के कारोबारी सत्र में इसमें अधिकतम 10 फीसदी की गिरावट हो सकती है।
शॉर्ट टर्म के लिए डिलीवरी ट्रेंड
कल्पतरु फाइनेंशियल के संचालक आदित्य मन्या जैन की मानें तो शॉर्ट टर्म यानी स्विंग ट्रेडिंग के लिए पिछले 10 दिन का एवरेज वैल्यू देखा जाना चाहिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्टॉक में शॉर्ट टर्म के लिए डिलीवरी का ट्रेंड क्या है। इस हिसाब से 20 जनवरी से 2 फरवरी तक वॉल्यूम करीब 3 करोड़ 88 लाख शेयर रहा। इस दौरान पेटीएम का डिलीवरी परसेंटेज 60 था। यानी 3 करोड़ 88 लाख शेयर में से 60 फीसदी यानी 2 करोड़ 32 लाख 80 हजार शेयरों की डिलीवरी ली गई। इसमें से 5 फीसदी मध्यप्रदेश से आया जो कि 11 लाख 64 हजार होता है। 20 जनवरी को पेटीएम का शेयर 298 रुपए पर बंद हुआ था। शुक्रवार यानी 2 फरवरी को इसकी क्लोजिंग प्राइज 487 थी, यानी 298 रुपए का नुकसान इस दौरान हुआ।
ये है MP के निवेशकों का गणित
20 जनवरी से 2 फरवरी तक पेटीएम के शेयरों का वॉल्यूम - 3 करोड़ 88 लाख
पेटीएम का डिलीवरी परसेंटेंज - 60
डिलीवरी शेयर का वॉल्यूम - 2 करोड़ 32 लाख 80 हजार
मध्यप्रदेश से होने वाला 5 परसेंट वॉल्यूम - 11 लाख 64 हजार
20 जनवरी से हुआ नुकसान - 298 रुपए
298 गुणा 11 लाख 64 हजार - 34 करोड़ 68 लाख
क्या है लोअर सर्किट
शेयरों की कीमत में दैनिक उतार-चढ़ाव के लिए एक प्राइस कैब तय की जाती है। अलग-अलग कंपनियों के शेयर्स के लिए ये अलग-अलग होती है। इस कैब की ऊपरी लिमिट को अपर सर्किट और निलची कैब को लोअर सर्किट कहा जाता है। यानी की किसी भी शेयर की कीमत एक दिन में इससे ज्यादा न गिर सकती है और न बढ़ सकती है। पेटीएम के शेयरों के लिए ये लिमिट 20 फीसदी की है। निफ्टी 50 सूचकांक में शामिल शेयर्स के लिए अपर लोअर सर्किट के अलग नियम हैं।
लोअर सर्किट में क्या होता है ?
लोअर सर्किट में सिर्फ बेचवाल यानी सेलर ही मार्केट में होते हैं। संबंधित शेयर का कोई खरीदार नहीं होता है। पेटीएम में 2 दिन लोअर सर्किट लगा यानी 2 दिन इस कंपनी के शेयर को कोई खरीदने वाला बाजार में नहीं था।
लोअर सर्किट में कैसे बेचें शेयर ?
कल्पतरु फाइनेंशियल के संचालक आदित्य मन्या जैन ने लोअर सर्किट में शेयर बेचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि सुबह पौने 9 बजे अपने ब्रोकर से संपर्क करें और प्री-मार्केट में अपना ऑर्डर लोअर सर्किट प्राइज पर लगा दें। अगर कोई खरीददार होगा तो आपके शेयर्स बिक सकते हैं।