BHOPAL. सत्ता में चेहरे क्या बदले, सियासी हीरो भी बदल गए। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की शपथ से पहले तक निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे ही हीरो थे, लेकिन शपथ शुरू होने के बाद उन्हें मानो भुला सा दिया गया। कई स्थानों पर बैनर—पोस्टर से उनके फोटो गायब हो गए।
शपथ समारोह स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कटआउट लगाया गया, लेकिन शिवराज का कटआउट गायब था। डिप्टी सीएम बनाए गए राजेंद्र शुक्ल के घर के बाहर लगाए गए बैनर में भी शिवराज सिंह चौहान को जगह नहीं दी गई थी। इन बैनर में तमाम नेताओं के फोटो थे। यहां तक ही विधानसभा चुनाव हार चुके उम्मीदवारों को जगह दी गई थी, लेकिन शिवराज यहां भी गायब रहे। ये तब है जब शिवराज को राजेंद्र शुक्ल का करीबी माना जाता है। इस घटनाक्रम के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
'जस की तस धर दीनी चदरिया'
इधर, शिवराज ने आज सबसे पहले अपने रूटीन के अनुसार पौधरोपण किया। फिर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, नए मुख्यमंत्री को बधाई। प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का स्वागत। आज प्रदेश के विकास, समृद्धि और कल्याण का पौधा लगाया है। मित्रो, अब विदा...जस की तस धर दीनी चदरिया।
भैया, आप प्रधानमंत्री बनोगे
शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब शिवराज वापस जाने लगे तो भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। मामा.. मामा के नारे लगे तो उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। वे कार से ही लोगों से मिलते रहे। इस बीच पहुंची एक महिला ने रोते हुए कहा, भैया आप चिंता मत करो, आप प्रधानमंत्री बनोगे। भीड़ को देखते हुए आखिरकार उन्हें कार से बाहर आना ही पड़ा।
जब चला जाउंगा तब बहुत याद आउंगा
इससे पहले प्रचार अभियान के दौरान शिवराज सिंह ने लाड़ली बहना सम्मेलन में कहा था कि जब मैं चला जाउंगा, तब बड़ा याद आउंगा। तब भी उनके इस बयान के कई मायने निकाले गए थे। इसके बाद चुनाव में जीत पर जब उन्हें आभास हुआ तो बोले, कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा।