Chhatarpur. पिछले 10 दिनों से मीडिया में छाई एमबीबीएस छात्रा और भजन गायिका शिवरंजनी की अर्जी शायद बागेश्वरधाम में स्वीकार नहीं हो पाई। पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात और दरस की आस लेकर गंगोत्री से पैदल बागेश्वरधाम तक आने वाली शिवरंजनी को मायूसी हाथ लगी है। शिवरंजनी ने बागेश्वरधाम में भोलेनाथ को गंगोत्री का जल अर्पित किया, और हताश भाव में वे बागेश्वरधाम से वापस लौट गईं। दरअसल बागेश्वरधाम सरकार पं धीरेंद्र शास्त्री 20 जून तक अज्ञातवास पर चले गए हैं।
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क्या शादी की अर्जी से असहज हो गए धीरेंद्र शास्त्री?
अपने दिव्य दरबार में ही भक्तों के सामने खिलखिलाकर अपने विवाह की चर्चा करने वाले पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर यह कहते आए हैं, कि उन पर बालाजी सरकार की कृपा है। सार्वजनिक रूप से उनके गुरू आचार्य रामभद्राचार्य भी उनके विवाह के संबंध में घोषणा कर चुके हैं, लेकिन जबसे भजन गायिका शिवरंजनी ने धीरेंद्र शास्त्री से विवाह के मनोरथ को जगजाहिर किया। तबसे अव्वल तो धीरेंद्र शास्त्री ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी, और जब शिवरंजनी बागेश्वर धाम तक पहुंचती, उससे पहले ही शास्त्री अज्ञातवास पर चले गए। कहने वाले यह भी कह रहे हैं कि बालाजी के भक्त विवाह प्रस्ताव लेकर पहुंची कन्या से भयभीत हो गए। हालांकि शिवरंजनी ने पहले ही साफ कर दिया था कि विवाह की अर्जी की बातें लोगों ने अपने मन से बना लीं।
वापस लौटीं शिवरंजनी
हालांकि शिवरंजनी को धीरेंद्र शास्त्री के अज्ञातवास की जानकारी थी, बावजूद इसके वे अपने संकल्प को पूरा करने बागेश्वरधाम पहुंची। उसने कहा थ कि उसे 110 फीसदी यकीन है कि पं धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन भी होंगे और मुराद भी पूरी होगी। लेकिन शुक्रवार को बागेश्वरधाम में शिवरंजनी को प्राणनाथ नहीं मिल पाए। भोलेनाथ को जल अर्पित करने के बाद शिवरंजनी के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। वहीं दूसरी तरह बागेश्वरधाम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह सूचना दी गई थी कि पूज्य सरकार अभी 20 जून तक एकांतवास में हैं, भोपाल की कथा संपन्न होने के बाद वे 24 जून को धाम पधारेंगे।