Chhatarpur. बीते कई दिनों से जिस एमबीबीएस छात्रा और भजन गायिका शिवरंजनी लगातार सुर्खियों में रहीं आज उन्होंने खुलकर अपनी बात सबके सामने रखी और पं धीरेंद्र शास्त्री से विवाह की खबरों को खारिज कर दिया। शिवरंजनी ने कहा कि प्राणनाथ शब्द का गलत मतलब निकाला गया, जबकि बागेश्वर धाम सरकार प्राणनाथ का मतलब भली भांति जानते हैं।
मैने कभी नहीं कहा कि शादी का संकल्प लिया
एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में शिवरंजनी ने साफ किया कि मैंने कभी यह नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना मेरा पर्चा खुला है और ना ही मेरे संकल्प के बारे में किसी को पता चला है। शिवरंजनी बोलीं कि मेरा संकल्प तो यही था कि मैं पूज्य बालाजी सरकार के दर्शन करूं। जब मैं स्कूल में थी, तब बायो सब्जेक्ट चूज किया था, मैं कैंसर की विशेषज्ञ डॉक्टर बनना चाहतू हूं। उस वक्त मैंने बालाजी सरकार से इस फील्ड में सफलता दिलाने की मन्नत मांगी थी। शिवरंजनी ने कहा कि मेरी तो बस यही कामना थी, शादी की कोई अर्जी नहीं लगाई थी, लोगों ने बेवजह मेरी यात्रा को शादी के अर्जी से जोड़ दिया।
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प्राणनाथ का बताया मतलब
शिवरंजनी ने कहा कि मैंने अपने बयान में प्राणनाथ शब्द का जरूर प्रयोग किया था, लेकिन इसका मतलब पं धीरेंद्र शास्त्री खुद समझते हैं। रही बात शादी की तो इसका जवाब महाराज ही देंगे। मैं तो अपनी अर्जी लेकर आई हूं और मुझे उम्मीद है कि मेरी अर्जी बालाजी सरकार स्वीकार करेंगे।
भगवा वस्त्रों पर यह कहा
शिवरंजनी ने भगवा वस्त्रों को लेकर कहा कि भगवा वस्त्र केवल साधु-संतों की निशानी है ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं लिखा है क्या कि जो हमारे भगवान श्रीराम का रंग है उसे केवल साधु संत ही पहन सकते हैं, कोई कन्या नहीं पहन सकती। भगवा रंग मेरी पसंद है, भगवान राम की पसंद है, तो भला मेरे भगवा वस्त्र पहनने से किसी को क्या आपत्ति हो सकती है।
अस्पताल से हुईं डिस्चार्ज
बता दें कि गंगोत्री से कलश में गंगाजल लेकर पैदल छतरपुर के बागेश्वर धाम तक आने वाली भजन गायिका और मेडिकल छात्रा शिवरंजनी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद स्वस्थ होकर शिवरंजनी आज बागेश्वर धाम पहुंची हैं।