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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सोमवार से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार को रायपुर के जेएन पांडे स्कूल में प्रवेश उत्सव में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल ने बच्चों को मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर बच्चों का स्वागत किया है। ऐसे में सभी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया गया। वहीं प्रदेश के दूसरे जिलों से प्रवेश उत्सव को लेकर हैरान करने वाली खबरें सामने आई। कांकेर में सत्र के पहले ही दिन एक स्कूल में ताला लगा मिला, स्कूल के गेट पर ताला लगा होने के कारण टीचर्स और बच्चे बाहर बैठे रहे। वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से आई तस्वीरों ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी। यहां स्कूल का मैदान पानी से भरा था और स्कूल के अंदर गंदगी थी।
कांकेर में शाला अध्यक्ष ने स्कूल में जड़ा ताला
पहला मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से सामने आया, यहां दुर्गुकोंदल विकासखंड के दमकसा स्थित हाईस्कूल में सत्र के पहले दिन ही शाला अध्यक्ष ने अपनी मांग पूरी नहीं होने पर जबरन ताला दिया गया। जिससे पहला दिन ही खराब हो गया। पहले दिन टीचर्स और बच्चे पहुंचे थे, पर ताला लगे होने से स्कूल परिसर के बाहर ही बैठे रहे, आखिर में स्कूल के बच्चे परेशान होकर वापस चले गए। इनमें से बच्ची पूजा जो अपनी टीसी लेने आई थी और आज ही उनके प्रवेश की अंतिम तिथि थी।
शाला अध्यक्ष का अजब-गजब कारनामा
सत्र के पहले शाला समिति के अध्यक्ष संतोष दुग्गा ने ताला दिया था। संतोष दुग्गा का कहना है कि स्कूल का नाम उनके स्वर्गीय पिता के नाम पर रखा जाए, लेकिन, लंबे समय से उनकी ये मांग नहीं मानी गई, इस कारण उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए स्कूल में ताला लगा दिया।
क्या है दमकसा के स्कूल का मामला
दमकसा के स्कूल के लिए साल 1984 में 5 एकड़ जमीन शिक्षक रघुनाथ दुग्गा ने शिक्षक रहते हुए दान में दी थी, इस जमीन पर हाईस्कूल की बिल्डिंग बनाई गई। शिक्षक रघुनाथ दुग्गा के निधन के बाद उनके बेटे संतोष दुग्गा शासन से मांग करते आ रहे हैं कि स्कूल का नाम उनके पिता के नाम किया जाए। इसको लेकर संतोष दुग्गा ने सीएम भूपेश बघेल से भी भेंट कर मांग की थी, लेकिन आज तक स्कूल का नामकरण नहीं हुआ। इसी बात से नाराज होकर संतोष दुग्गा ने स्कूल के गेट और सभी क्लास में ताला लगा दिया।
पेंड्रा में स्कूल परिसर बना तालाब, क्षतिग्रस्त मंच के पास खेलते रहे बच्चे
दूसरा मामला पेंड्रा से सामने आया जहां प्रवेशोत्सव के दिन स्कूल तो खुला लेकिन इस स्कूल का परिसर तालाब बना हुआ था। क्लास में सफाई तक नहीं थी और मंच क्षतिग्रस्त होकर टूट चुका था। इन सबके बीच बच्चे कीचड़ में और मंच के पास जान जोखिम में डालकर खेलते देख गए। प्रशासन के दावों की पोल खोलती ये तस्वीरें अड़भार गांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल की है। सत्र के पहले दिन इस स्कूल में मैदान में पानी भरा हुआ देखा गया। साथ ही बारिश के दौरान पेड़ गिरने से मंच क्षतिग्रस्त हो गया था। स्कूल में अंदर जाने का रास्ता ही नहीं था। स्कूल के अन्दर गंदगी और अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन ने चुप्पी साध ली। हालांकि मंच को पूरी तरह से तोड़ने की कार्रवाई जल्द करने की बात कही है।