BHOPAL. विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सासंदों को चुनावी मैदान में उतारा था। जिमने में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक को चुनाव में जीत मिली और वे विधायक बने। वहीं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना सांसद गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा। अब नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। वहीं प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और राव उदय प्रताप सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। लेकिन सीधी से विधायक चुन कर आईं रीति पाठक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। अब कयास लगाए जा रहे है रीती फिर केंद्र की राजनीति में जा सकती हैं और उन्हे संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
माना जा रहा था मंत्री पद का अहम दावेदार
सांसद से विधायक बनीं रीति पाठक को मोहन कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाया गया है। सीधी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद रीति पाठक मध्यप्रदेश में मंत्री पद की रेस में शामिल थीं। उन्हें मंत्री पद का अहम दावेदार माना जा रहा था लेकिन मोहन मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और मंत्रियों को शपथ दिलाई गई तो रीति के हाथ खाली ही रह गए। रीति पाठक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। रीति पाठक को मंत्री न बनाए जाने से उनके समर्थकों और सीधी के लोगों में निराशा है। बता दे कि रीति पाठक सीधी से सांसद थीं और बीजेपी ने उन्हें भी विधानसभा चुनाव में उतारा गया था।
कैलाश विजयवर्गीय 8 साल बाद मंत्री बने
इंदौर-1 से सीट से जीते कैलाश विजयवर्गीय 8 साल बाद फिर मंत्री बने हैं। वे 2003 से 2015 तक कैबिनेट मंत्री रहे। 2015 में जब उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। विजयवर्गीय 7 बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे 1990 में इंदौर-4 से, 3 बार 1993, 1998 और 2003 में इंदौर-2 से, 2 बार 2008 और 2013 में महू से और एक बार 2023 में इंदौर-1 से विधायक बने। कैलाश विजयवर्गीय इस बार चौथी बार के कैबिनेट मंत्री बने हैं। वे साल 2000 में इंदौर के महापौर भी रह चुके हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को
मोहन यादव कैबिनेट में 28 मंत्रियों को शामिल किए जाने के बाद कैबिनेट की दूसरी बैठक मंगलवार को बुलाई गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सभी 31 मंत्रियों के साथ भविष्य के कार्य योजना पर चर्चा करेंगे। सुबह 11 बजे से मंत्रालय में होने वाली बैठक के चलते सभी मंत्रियों को भोपाल में रुकने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए थे। गौरतलब है कि मोहन यादव कैबिनेट की पहली बैठक 13 दिसंबर को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र कुमार शुक्ला शामिल हुए थे।