नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में लोगों को ट्रैफिक से मुक्ति दिलाने के लिए स्काई वॉक बनाया गया। लेकिन यह स्काई वॉक पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। इससे इसका काम आधा-अधूरा है। स्काई वॉक अब जगह-जगह से जर्जर होना शुरू हो गया है। स्काई वॉक बनाने में 60 प्रतिशत काम हो चुका है,जबकि 40 प्रतिशत काम होना बाकी है।
करोड़ों खर्च कर शुरू हुआ था काम
जानकारी के मुताबिक बीजेपी की रमन सरकार के समय स्काई वॉक को स्वीकृति मिली थी। 1470 मीटर लम्बे स्काई वॉक में पहले 49 करोड़ की लागत पीडब्ल्यूडी द्वारा बताई गई। लेकिन बाद में इसका बजट 77 करोड़ रुपए कर दिया गया। वजह यह बताई गई कि स्काई वॉक में अलग-अलग तरह की दुकाने खोली जाएंगी। राज्य सरकार की ओर से भी 77 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई थी। दरअसल शास्त्री चौक से जय स्तंभ और अंबेडकर अस्पताल तक ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी। इसमें एक साथ 27 हजार लोगों के एक साथ चलने की कैपेसिटी बताई गई थी।
नहीं हुआ रख-रखाव जर्जर हो रहा स्काई वॉक
शहर में बने स्काई वॉक में 45 करोड़ खर्च किया गया। इससे काम लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो गया और 40 प्रतिशत काम बाकी है। स्काई वॉक का रखरखाव ना होने की वजह से स्काई वॉक में लगे लोहे में जंग लगना शुरू हो गया है। कई जगहों पर लगाए गए एल्युमुनियम सीट्स उखड़ने लगे हैं। तेज आंधी या हवा चलने से ये निकल कर लोगों के गले की फांस बन सकते हैं। स्काई वॉक में कई जगहों पर कम चलाऊ वेल्डिंग की गई है। प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं होने से अब टी वेल्डिंग निकलना शुरू हो गई है।
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साढ़े चार साल में नहीं हो पाया निर्णय
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने स्काई वॉक पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है। विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक जांच समिति जरूर बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्काई वॉक का काम फिर से शुरू करने के पक्ष में रिपोर्ट जमा की थी। लेकिन अभी तक स्काई वॉक का काम शुरू नहीं हुआ है। स्काई वॉक में अब करीब 25 करोड़ रुपए का काम बचा हुआ है।