BHOPAL. बौद्ध स्तूप के लिए प्रसिद्ध सांची को देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका लोकार्पण करने जा रहे हैं। सरकार दावा भले ही करे लेकिन हकीकत यह है कि सरकार द्वारा लोगों को 100 यूनिट बिजली फ्री देने का ऐलान करने के बाद यहां के रहवासियों में सोलर सिस्टम लगवाने में कोई दिलचस्पी नहीं रही है। सांची में 18 सौ के करीब मकान हैं, जिनमें से महज 16 घरों में ही अब तक सोलर सिस्टम लग पाए हैं।
कम खपत वाले परिवार नहीं ले रहे रुचि
नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जिन घरों में 100 यूनिट तक बिजली की खपत होती है, ऐसे घरों में 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लग सकता है। सरकारी सब्सिडी के बाद भी 30 हजार का खर्चा आएगा। सरकार 100 यूनिट बिजली फ्री देती है। ऐसे में वे सोलर सिस्टम पर खर्च करना फिजूल समझते हैं।
अब तक 235 किलोवाट का इंस्टॉलेशन
सांची सोलर सिटी प्रोजेक्ट के प्रभारी सीनियर इंजीनियर श्रीकांत देशमुख का दावा है कि हमने सांची में 235 किलोवाट का इंस्टॉलेशन पूरा कर लिया है। अभी 16 घरों और 11 सरकारी दफ्तरों की छत पर यह सिस्टम लगाए गए हैं। गुलगांव में सोलर प्लेट्स लगाने का काम तेजी से जारी है। इसे भी 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में यहीं से बिजली की सप्लाई की जाएगी। सारा काम विभाग के नियमों के तहत ही हुआ है।
दो प्लांट से रोशन होगा सांची
सांची दो बड़े सोलर प्लांट के बलबूते पहली सोलर सिटी बनने जा रहा है। पहला प्लांट नागौरी में लगाया गया है, जिससे सांची शहर रोशन होगा। वहीं दूसरा प्लांट गुलगांव में लग रहा है। सीएम सिर्फ नागौरी की पहाड़ी पर लगे सोलर प्लांट का लोकार्पण करने जा रहे हैं। गुलगांव का प्लांट तैयार होने में 15 दिन लग जाएंगे। जिस क्षेत्र को सोलर सिटी घोषित किया जा रहा है, उस इलाके की क्षमता के बराबर बिजली सौर ऊर्जा से पैदा की जाएगी।
बिजली बिल अब भी आ रहा
सांची के स्थानीय जनप्रतिनिधि कहते हैं कि 6 माह पहले डेढ़ लाख रुपए खर्च कर घर पर सोलर सिस्टम लगवाया था। कहा गया था कि बिजली बिल नहीं आएगा, लेकिन हर माह 250 से 300 रुपए बिजली बिल भेजा जा रहा है। बिजली कट होने पर हमारे घर की लाइट भी गुल हो जाती है।