मध्यप्रदेश में सपाक्स लड़ेगी विधानसभा चुनाव, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिवेदी ने कहा- प्रमोशन में रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए

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BP Shrivastava
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मध्यप्रदेश में सपाक्स लड़ेगी विधानसभा चुनाव, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिवेदी ने कहा- प्रमोशन में रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए

JABALPUR. पिछले विधानसभा चुनाव यानी करीब पांच साल पहले सपाक्स पार्टी अस्तित्व में आई थी और खूब सुर्खियां बटोरी थीं। साल के अंत में फिर विधानसभा चुनाव होना हैं और करीब पांच महीने पहले फिर सपाक्स ने विधानसभा चुनाव में जोरआजमाइश का ऐलान कर दिया है। सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हीरालाल त्रिवेदी (पूर्व आईएएस) ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरे दमखम से मैदान में उतरेगी।



'यूसीसी ही नहीं, सभी कानून समान होना चाहिए'



उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद बताया कि आज केंद्र की बीजेपी सरकार यूनाइटेड सिविल कोड (यूसीसी) की बात कर रही है परंतु उन्हें केवल सिविल कानून ही नहीं सभी प्रकार के कानून समान बनाना चाहिए। इस देश के सभी नागरिक समान है। अतः सिविल कानून हो या क्रिमिनल कानून या अन्य कोई कानून नियम सभी एक समान होना चाहिए तथा देश के सभी नागरिकों पर एक समान कानून लागू होना चाहिए। एट्रोसिटी एक्ट जैसे जातिवादी कानून को भी बदलने की जरूरत बताई। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने पर भी जोर दिया।



सपाक्स ने कहा- मोदीजी, मप्र में भी यही हो रहा है



फ्री की रेवड़ी बांटने के पीएम मोदी के कटाक्ष पर उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित मध्यप्रदेश भी यही कर रहा है, चुनाव के पहले वह महिलाओं को मुफ्त की राशि बांट रहे हैं। यदि उन्हें महिलाओं को राहत ही देना थी तब आज प्रदेश में जितने प्राथमिक, माध्यमिक और हाई सेकंडरी स्कूल हैं, उसमें संख्या के मान से एक या दो सहायिका नियुक्त करना थीं ताकि प्रदेश के बच्चों को उसका लाभ मिलता। पंचायतों में भी सहायिकाओं की जरूरत है। प्रदेश में इस तरह से करीब 2 लाख महिलाओं को रोजगार दिया जा सकता था और वह भी जो वास्तविक गरीब हैं। ऐसा नहीं करना था कि एक तरफ से सभी को मुफ्त की राशि बांटना है। त्रिवेदी ने कहा कि यह जनता द्वारा दिए गए टैक्स का दुरुपयोग है तथा चुनाव के पूर्व प्रलोभन देना है। चुनाव आयोग को इसे संज्ञान में लेना चाहिए।



जहां कैंडिडेट मजबूत वहीं पार्टी चुनाव लड़ेगी



उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एट्रोसिटी एक्ट में 2016 में केंद्र की मोदी सरकार ने अमेंडमेंट कर एससी-एसटी को सामान्य और पिछड़ों से लड़ाने का प्रयास अपने प्रथम कार्यकाल में किया था। उसी प्रकार असम में जातिवादी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर तथा मणिपुर में एक वर्ग विशेष को आरक्षण देकर समाज को तोड़ने की कोशिश की है, जनता को इस बात को समझने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगला विधानसभा चुनाव सपाक्स पार्टी केवल उन चुने हुए स्थानों पर लड़ेगी जहां उनके कैंडिडेट मजबूत हैं और जहां जीत की पूरी संभावना है।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुरेश शुक्ला ने बताया कि सपाक्स वेलफेयर सोसाइटी ने जिस प्रकार सहारा के लिए संघर्ष किया और उन्हें सहारा की राशि मिलना शुरू हो गई है। ऐसे ही अन्य उन छोटी मोटी वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध अभियान चलाएगी जो जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर बैठी है।



'पेंशनर्स को केंद्र के समान भत्ता मिले'



पेंशनर संघ के अध्यक्ष राज कुमार दुबे ने भी पेंशनरों की व्यथा व्यक्त की। उन्होंने कहा, पेंशनर्स को केंद्र के समान भत्ता नहीं मिला है जो राज्य को तत्काल देना चाहिए। इस अवसर पर जबलपुर, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, डिंडोरी, कटनी, सिवनी एवं छिंदवाड़ा से आए हुए पार्टी पदाधिकारियों ने भी अपनी बात कही। कार्यक्रम का संचालन आशीष दुबे तथा आभार डॉ. आकाश शर्मा ने व्यक्त किया।


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