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Jhunjhunu. राजस्थान सरकार राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने के बाद अब उनके करीबियों की भी छुट्टी करती जा रही है। ताजा मामला झुंझुनू के उदयपुरवाटी नगर पालिका का है। यहां पर चैयरमैन के रूप में पदस्थ रामनिवास सैनी को डीएलबी विभाग ने अध्यक्ष और पार्षद पद से सस्पैंड कर दिया है। सैनी राजेंद्र गुढ़ा के करीबी बताए जाते हैं। उन पर नगर पालिका के अंतर्गत 4 बागवानों की नियुक्ति करने का आरोप है जबकि वे पद ही स्वीकृत नहीं थे।
चारों बागवान आपस में रिश्तेदार
दरअसल मामले की जांच में पता चला कि जिन चार बागवानों की नियुक्ति की गई वे आपस में रिश्तेदार थे। जांच में इन भर्तियों को मिलीभगत कर कारित करना पाया गया। बता दें कि साल 2022 में इन 4 बागवानों की भर्ती हुई थी। जिसके बाद पालिका के पार्षदों ने इसकी शिकायत डीएलबी को की थी। मामले को लेकर नगरपालिका की बैठक में हंगामा भी जमकर हुआ था।
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पद के दुरुपयोग के आरोप
डीएलबी डायरेक्टर हृदयेश कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक जांच में प्रारंभिक तौर पर यह सामने आया कि चेयरमैन रामनिवास सैनी ने पद का दुरुपयोग किया था। सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने का फैसला लिया है। चेयरमैन रामनिवास सैनी राजेंद्र गुढ़ा के करीबी माने जाते हैं। वे 1998 और 2003 में विधानसभा चुनाव भी लड़े थे लेकिन दोनों ही बार हारे थे। हालांकि दोनों ही बार उन्हें बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था।
बर्खास्तगी के 4 दिन बाद सस्पैंड
माना जा रहा है कि राजस्थान सरकार एक-एक करके राजेंद्र गुढ़ा के करीबियों पर शिकंजा कस रही है। गुढ़ा धर्मेंद्र राठौड़ की लाल डायरी का डर दिखाकर सरकार की फजीहत करा रहे हैं तो सरकार भी उनके और उनके करीबियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाईयां करा रही है। राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के 4 दिन बाद ही सैनी हटाए गए और गुढ़ा पर अस्पताल पर कब्जा करने के मामले में सीआईडी जांच बैठाई जा चुकी है।