JAIPUR. राजस्थान में पेपरलीक के आरोपों से राज्य सरकार घिरी हुई है, जिसके चलते सरकार ने बीते माह विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा बिल में संशोधन का विधेयक पारित कराया था। जो कि अब कानून की शक्ल ले चुका है। इसके तहत भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक कराने के दोषियों कोे अब उम्रकैद की सजा का प्रावधान रखा गया है, साथ ही ऐसे दोषियों पर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। बता दें कि भर्ती परीक्षा में इस प्रकार का कानून लागू करने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है।
अधिसूचना जारी हुई
इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद विधेयक कानून के रूप में अस्तित्व में आ चुका है। जिसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
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पहले था 5 साल की सजा का प्रावधान
बता दें कि पेपरलीक के मामलों में अब तक 5 साल तक की न्यूनतम सजा का प्रावधान था। जिसे अब बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। कानून के तहत अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद से भी दंडित किया जा सकेगा। वहीं दोषी पर 10 लाख रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
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संपत्ति भी हो सकेगी कुर्क
पेपरलीक के मामलों में दोषी पाए जाने पर सजा और जुर्माने के साथ-साथ दोषी की संपत्ति कुर्क करने और परीक्षा व्यय वसूलने का भी प्रावधान रखा गया है। कानून में इस अपराध को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाया गया है। सरकार का मत स्पष्ट है कि पेपरलीक से जुड़े मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिले ताकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने से पहले माफिया दो बार सोचने पर बाध्य हो जाए।