Raipur. छत्तीसगढ़ में कद्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि चुनाव के पहले अरविंद नेताम का यह इस्तीफा कांग्रेस और आदिवासियों के बीच बड़ी खलल पैदा कर सकता है। अरविंद नेताम ने इस्तीफा देने के लिए विश्व आदिवासी दिवस का दिन चुना है। 9 अगस्त को राजधानी रायपुर में अरविंद नेताम के नेतृत्व में प्रदेशभर से आदिवासियों ने रैली की और विश्व आदिवासी दिवस को मनाया है। अब अरविंद नेताम का इस्तीफा सामने आने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है।
अरविंद नेताम का इस्तीफा क्यों?
सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताते हुए लिखा है कि 5 साल पहले तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर, अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती देने की हमेशा कोशिश की है। लेकिन प्रदेश प्रदेश कांग्रेस मैं हमेशा से असहयोग भरे रवैया के कारण काफी निराशा हुई है।
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भूपेश सरकार आदिवासी विरोधी- नेताम
अरविंद नेताम ने अपने इस्तीफा में यह भी लिखा है कि प्रदेश नेतृत्व राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा प्रदान किए संवैधानिक अधिकारों और पेसा कानून में आदिवासी समाज को जल जंगल जमीन में ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस प्रकार से आदिवासी विरोधी सरकार है।
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विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ी रैली
9 अगस्त को राजधानी रायपुर में सर्व आदिवासी समाज ने बड़ी रैली करते हुए विश्व आदिवासी दिवस मनाया है। यह रैली आदिवासियों के चुनावी ताल ठोकने की थी, इसी रैली के बाद अरविंद नेताम ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी को भेज दिया है। अरविंद नेता ने द सूत्र से कहा कि आज आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। हसदेव और सिलगेर मामले पर सरकार कि आदिवासियों के प्रति कोई चिंता नहीं है। पार्टी ने आने वाले समय पर 50 सीटों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। इसमें से 30 सीट आरक्षित हैं और वहीं 20 सेट ऐसी है जहां पर आदिवासियों का दबदबा है, यानी 60 से 80 हजार तक वोटर आदिवासी है।
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