राजस्थान में इस बार नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, सरकार ने बड़े चुनाव से पहले टाले छोटे चुनाव

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
राजस्थान में इस बार नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, सरकार ने बड़े चुनाव से पहले टाले छोटे चुनाव

JAIPUR. राजस्थान में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले छात्र संघ चुनाव टाल दिए गए हैं। शनिवार दिन रात कुलपतियों के साथ हुई बैठक के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं के रुख को जानने के लिए ये चुनाव अहम साबित हो सकते थे। इस बीच सरकार के निर्णय का विरोध शुरू ही गया है। राजस्थान सरकार ने वर्तमान शिक्षा सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया है। उन्होंने तर्क दिया है कि चुनाव में धनबल और भुजबल का इस्तेमाल और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के उल्लंघन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.



गहलोत सरकार का बड़ा फैसला



छात्रों की ओर से छात्रसंघ चुनावों में धनबल और भुजबल का खुलकर इस्तेमाल करने, लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन होने का हवाला देते हुए ये फैसला लिया गया है। साथ ही आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि छात्रसंघ चुनाव कराए जाते हैं तो शिक्षण कार्य प्रभावित होगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सेमेस्टर सिस्टम लागू करने में भी असुविधा होगी। राज्य सरकार की ओर से जारी इन आदेशों के बाद देर रात छात्र नेताओं ने राजस्थान यूनिवर्सिटी गेट पर इकट्ठा होकर विरोध भी जताया  



यह खबर भी पढ़ें..



जैसलमेर देश के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र में से एक, सिर्फ 2 नेता दूसरी बार बने हैं विधायक



इसलिए बनी छात्रसंघ के चुनाव नहीं करवाए जाने पर सहमति 



राज्य सरकार के निर्देश प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और कॉलेज शिक्षा आयुक्त को भेज दिए गए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने, विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम जारी करने, चालू सत्र में प्रवेश, बजट घोषणाएं लागू करने, छात्रसंघ चुनाव और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्चतर शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई। इसमें कुलपतियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न घटकों को लागू करना चुनौतीपूर्ण कार्य बताया। कुलपतियों ने बताया कि विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी और नए महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारण कम से कम 180 दिवस अध्यापन कार्य करवाना चुनौतीपूर्ण है। साथ ही हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार कम से कम 75 प्रतिशत अटेंडेंस भी अनिवार्य हैं। ऐसे में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छात्रसंघ के चुनाव नहीं करवाए जाने पर सहमति बनी है।



कोविड़ में भी नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव



प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव पर रोक पहले भी लगती रही है। यहां 80 के दशक में चुनाव नही हुए थे। इसके बाद 90 के दशक में शुरू हुए और फिर के 2004 से 2009 तक भी छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे। 2010 से छात्रसंघ चुनाव करवाए जा रहे हैं, लेकिन कोविड की विषम परिस्थितियों के कारण 2020 और 2021 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे। 



युवाओं के रुख का पता चलता



छात्रसंघ चुनाव में युवा वोट देते हैं और राजस्थान में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई और बीजेपी समर्थित एबीवीपी के बीच ही होता है। वहीं कुछ विश्वद्यालय में वामपंथी संगठन एसएफआई भी सक्रिय हैं। ऐसे में ये चुनाव दिसंबर में होने वाले बड़े चुनाव से पहले युवाओं के रुख को लेकर संकेत दे सकते थे।

 


Rajasthan News राजस्थान न्यूज Big decision of Gehlot government Gehlot government in Rajasthan student union elections not in Rajasthan राजस्थान में  गहलोत सरकार गहलोत सरकार का बड़ा फैसला राजस्थान में नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव