BHOPAL. बीजेपी के सबसे सीनियर और 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव ने नए मंत्रिमंडल को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों का जिक्र करते हुए कहा कि समर्थक पूछ रहे हैं कि आपको मंत्रिमंडल में शामिल क्यों नहीं किया गया? जवाब में भार्गव में ने कई बातों को शामिल करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के अपने-अपने फॉर्मूले हैं। जैसे सामाजिक और क्षेत्रीय, जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं कहा वे पार्टी के फॉर्मूले पर फिट नहीं बैठे।
विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक
सागर जिले की रहली से विधायक बने भार्गव ने कहा कि वे 40 साल के राजनीतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, उनको समर्पित भाव से पूरा किया है। उन्होंने मंत्रिमंडल में नहीं लिए जाने का एक तरह से स्वागत किया है। भार्गव ने कहा कि पद अस्थाई हैं, जबकि जन विश्वास स्थाई है। उन्होंने कहा, इतने वर्षों की सेवा मेरी पूंजी और धरोहर है। साथ ही बताया कि मेरे क्षेत्र (रहली ) के लोगों ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ विधायक बनाया, जो देश में दुर्लभ और अपवाद है।
भार्गव ने पत्र में अपने जीत के आंकड़े को भी बताया। वे इस बार 73 हजार वोट अंतर से जीते हैं। उन्होंने जीत को वोटर्स का ऋण बताते हुए कहा कि जब तक क्षेत्र का विधायक रहूंगा। क्षेत्र में कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा।
सामाजिक-क्षेत्रीय आधार पर बनते हैं मंत्री
भार्गव ने आगे कहा कि राजनीतिक दलों के अपने- अपने फॉर्मूले हैं। सामाजिक और क्षेत्रीय आधार पर पद (मंत्री पद) दिए जाते हैं। ऐसा क्यों होता है, इसमें मेरी रूचि नहीं है, इसलिए मैं मौन हूं। वायरल पत्र की अंतिम लाइन में उन्होंने कहा कि खाली समय में अब प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा। हालांकि यहां भी उन्होंने 'समाज' की विस्तार से व्याख्या नहीं की।