संजय गुप्ता, INDORE. 4 सालों से अटकी राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई टल गई है। शुक्रवार को इस मामले मे सुनवाई होनी थी, लेकिन पीएससी ने जवाब पेश नहीं किया, जिसके बाद 25 जुलाई अगली तारीख लग गई है। उधर इस परीक्षा को लेकर इंटरव्यू की तारीख 9 अगस्त आयोग घोषित कर चुका है। इसमें 1800 से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होंगे। साथ ही हाईकोर्ट के आदेश से कुछ अन्य उम्मीदवारों को भी इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित किया गया है, जिनके लिए आयोग को अलग से प्रक्रिया करना है।
सुप्रीम कोर्ट में इस तरह पहुंची ये लड़ाई
राज्य सेवा परीक्षा 2019 में सबसे ज्यादा 571 पद हैं। इसके चलते उम्मीदवारों को इसमें बेहतर चांस की उम्मीद है, लेकिन ये उतनी ही देरी से हो रही है। 2 बार मेन्स के रिजल्ट जारी हो चुके हैं। पुराने रिजल्ट को रद्द कर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी के लगभग 2700 से ज्यादा अभ्यर्थियों की विशेष परीक्षा कराने का आदेश दिया गया था। सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह द्वारा चुनौती दी गई थी। इसकी सुनवाई में मुख्य न्यायमूर्ति और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा सिंगल बेंच के आदेश को उचित मानकर रिट अपील खारिज कर दी गई थी। इन दोनों आदेशों के विरुद्ध ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन विधिक सहायता से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 5817/2023 दाखिल की गई है।
नोटिस जारी कर सभी से मांगा गया जवाब
सुप्रीम कोर्ट में इसकी पहली सुनवाई 10 अप्रैल को हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई पर अनावेदकों को नोटिस जारी कर संपूर्ण भर्ती याचिका के निर्णय के अधीन कर दिया था। दूसरी सुनवाई 16 मई को जस्टिस कृष्णमुरारी और संजय कुमार की खंडपीठ ने की थी। याचिका पर आयोग से जवाब मांगा था। कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय दिया था। हालांकि, पीएससी ने अब तक सुप्रीम कोर्ट मे जवाब दाखिल नहीं किया। इस बीच इस परीक्षा की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
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याचिकाकर्ताओं को नहीं मिला स्टे, आयोग इसलिए कर रहा प्रक्रिया
सुनवाई के दौरान लगातार याचिकाकर्ता की ओर से पूरी भर्ती प्रक्रिया को स्टे करने के लिए आवेदन दाखिल किया जा रहा है, लेकिन अभी तक उन्हें स्टे नहीं मिला है। उधर आयोग भी चाहता है कि सभी की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाए, इसलिए इंटरव्यू की तारीख घोषित कर दी गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह और समृद्धि जैन कर रहे हैं।