AJMER. राजस्थान एसओजी की निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने एनडीपीएस प्रकरण में उन्हें गिरफ्तार करने वाले अनुसंधान अधिकारी कमल सिंह तंवर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मित्तल ने उनके खिलाफ लोक सेवक पद का दुरुपयोग करने सहित उन्हें परेशान करने और मानहानि करने का परिवाद पेश कर अदालत से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। मित्तल ने एडवोकेट भगवान सिंह चौहान के जरिए एनडीपीएस प्रकरण की विशिष्ट अदालत और अपर सेशन कोर्ट-1 के समक्ष परिवाद पेश किया है। अदालत ने मित्तल के परिवाद पर सुनवाई के लिए 11 जुलाई तय की है।
1 अप्रैल को मिली थी दिव्या को जमानत
जानकारी के मुताबिक निलंबित एसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि एसओजी ने उन्हें रामगंज थाना में दर्ज नशीली दवाओं के कारोबार ( केस नम्बर 183/21) मामले में आरोपियों से दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। इसके बाद जमानत अर्जी स्वीकार होने पर उन्हें 1 अप्रैल को जेल से रिहा किया गया।
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गलत धारा लगाने का आरोप
जेल से निकलते ही उपरोक्त प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी कमल सिंह तवंर ने उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 के तहत दर्ज मुकदमा में गिरफ्तार कर लिया। उनका आरोप है कि 2 अप्रैल को अदालत में पेश करते समय विभागीय पत्रावली में एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 टाइप थी और अनुसंधान अधिकारी ने उसमें उपधारा 2 अपनी हस्तलिपी में जोड़कर छोटे दस्तखत किए थे। जबकि यह धारा उन पर लागू ही नहीं होती है।
11 जुलाई को सुनवाई
उन्होंने प्रकरण के अनुसंधान के संबंध में अनेक जानकारियां देते हुए अदालत ने अनुसंधान अधिकारी कमल सिंह तंवर के खिलाफ कार्रवाई मांग की है। दिव्या मितल के वकीन ने 166, 166ए, 167, 193, 195, 195ए, 219, 330, 343, 300 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर न्याय दिलाने की गुहार की है। अदालत ने मित्तल के परिवाद पर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख पेशी तय की है।