संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर अप्रत्यक्ष तौर पर जमकर तंज मारते हुए हमला किया है। अपने बेटे को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिए जाने की मांग पर हुए मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने तो अपनी जिदंगी में खुद के लिए कभी टिकट नहीं मांगा, मांगा होता तो क्या बेटे को नहीं मिलता, ताई इतनी भी गई-बीती नहीं रही है। मैं भी पार्टी में महामंत्री (जो अभी विजयवर्गीय है) रही, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही, गुजरात, झारखंड सहित कई राज्यों की प्रभारी रही। लेकिन अपने तरीके से काम किया। उल्लेखनीय है कि साल 2018 के चुनाव में विजयवर्गीय ने खुद को विधानसभा चुनाव से अलग करते हुए अपने पुत्र आकाश को टिकट दिलवाया था और वह विधानसभा तीन से विधायक बने थे।
क्यों उठी ताई को यह पीड़ा
ताई के पुत्र मिलिंद महाजन भी इस बार का विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए वह राउ में सक्रिय भी रहे, क्योंकि वहां अभी बीजेपी के पास कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है। यह सीट दो बार से कांग्रेस के जीतू पटवारी के पास है। लेकिन वह खुद विधानसभा पांच के लिए टिकट की मंशा रखते हैं, क्योंकि उनका निवास इसी क्षेत्र में हैं और यह सीट भी माना जा रहा है कि मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया का टिकट काटकर नए चेहरे के पास जाएगी। ऐसे में मिलिंद महाजन को यहां से भी टिकट की उम्मीद है। इसके पहले पार्टी ने कभी उनके नाम पर विचार नहीं किया, यही ताई की पीड़ा है, कि औरों के घरों से कई लोग राजनीति में आकर टिकट पा गए, लेकिन उनके बेटे को कभी इस योग्य नहीं माना गया।
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काबिल नेतापुत्रों को टिकट मिलना चाहिए- ताई
ताई ने यह भी कहा कि मैं केवल काबिल और जीतने वाले लोगों को टिकट देने पर भरोसा करती, जो पार्टी के लिए काम करती है। केवल नेतापुत्र है इसलिए टिकट नहीं मिलना चाहिए लेकिन काबिल है और नेतापुत्र है, इसलिए भी केवल इस आधार पर टिकट भी नहीं काट देना चाहिए। काबिल को टिकट मिले चाहे वह नेतापुत्र हो या नहीं हो।
संगठन की नजर पैनी होती है, वह तय करेगा टिकट
टिकट की दावेदारी को लेकर ताई ने कहा कि पहले जनसंघ के समय लोगों को ढूंढना पड़ता था कि चलो तुम लड़ लो, लेकिन अब कारवां बढ़ गया है। लेकिन संगठन जो चलाता है उसकी नजर पैनी होती है, वह देखता है कि किसे देना चाहिए, जैसे मां को पता है कि कौन बेटा दो लड़डू पचा सकता है और किसे रोटी गुड ही देना है। संगठन के लोग सब समझते हैं।
मैं निष्क्रिय कभी नहीं थी, पार्टी चुनाव में जिम्मेदारी देगी तो करेंगे काम
फिर से ताई के सक्रिय होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं निष्क्रिय कभी थी ही नहीं, मेरी राजनीति कभी धूं-धां वाली नहीं रही, ना जिंदाबाद-मुर्दाबाद किया, हमेशा शांति से अपना काम किया। कभी मेरे समय हुए कामों को गांवों में जाकर देखो तो पता चलेगा। अभी भी पार्टी का काम कर रही हूं, लेकिन अब मां और दादी मां की भूमिका में हू, पीएम, सीएम, सांसद, विधायक सभी अपना काम कर रहे हैं। जिसे भी मेरी जरूरत होती है हमेशा साथ देती हूं। मैं पार्टी के लिए तो हर काम करूंगी, चुनाव का समय है, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वह करूंगी, नहीं देगी तो इन सभी के साथ उनकी मदद करूंगी।
मजबूत विपक्ष प्रजातंत्र के लिए जरूरी है
ताई ने विपक्ष के एकजुट होने पर कहा कि एक मजबूत पहलवान को मारने के लिए कमजोर लोग जमा हो गए हैं, लेकिन मारने की ताकत तो हाथों में होना चाहिए। उनमे अभी आपस में ही क्लैश है। अभी तो उनका पहलवान ही तय नहीं है। फिर भी मैं मानती हूं कि मजबूत विपक्ष प्रजातंत्र में होना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा है, लेकिन प्रार्थना करूंगी कि यह विपक्षी एकजुटता मोदी को हराने के लिए नहीं हो, बल्कि देश को ऊंचा उठाने के लिए होना चाहिए।
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