Raipur. छत्तीसगढ़ में कोल लेवी स्कैम में ईडी ने 2 दिसंबर 2020 को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था, वहीं सौम्या चौरसिया और रिश्तेदारों की संपत्ति को भी ईडी ने कुर्क कर दिया। इसके खिलाफ सौम्या चौरसिया की मां शांति देवी चौरसिया और सौरभ मोदी ने दिल्ली की कोर्ट में याचिका दर्ज की, जिसकी सुनवाई में कोर्ट ने कुर्की की कार्रवाई को यथास्तिथि बनाए रखने के आदेश दिए हैं। ईडी को जवाब के लिए समय देते हुए नियत समयावधि के लिए रोक लगाई गई है।
क्यों दी गई थी चुनौती?
ईडी ने सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद अचल संपत्तियों को 09 दिसंबर 2022 कुर्क किया था, ईडी ने इन अचल संपत्तियों पर ECIR/RPZO/09/2022 के तहत कार्रवाई की थी। वहीं शांति देवी चौरसिया और सौरभ मोदी ने अप्पीलेट ट्रीबुनल में इस कार्रवाई को चुनौती दी। यह चुनौती PMLA 2002 के तहत दी गई, जिसमें कहा गया कि सेड्यूल ऑफेंस (धारा 120बी और 384) को अंतिम रिपोर्ट से हटा दिया गया है। इसके साथ ही गैर-अनुसूचित अपराधों के संबंध में विद्वान सीजेएम ग्रामीण न्यायालय, बेंगलुरु द्वारा संज्ञान लिया गया है। जिसके बाद ECIR/RPZO/09/2022 की कार्रवाई अमान्य हो जाती है।
अप्पीलेट ट्रीबुनल का फैसला
सौम्या चौरसिया की मां शांति देवी चौरसिया की दलील को अप्पीलेट ट्रीबुनल ने सुना जिसके बाद उनका कहना है कि शांति देवी चौरसिया और स्व. सौरभ मोदी को लेकर बेदखली नोटिस के निष्पादन पर रोक लगा दी है। वहीं अचल संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। उक्ताशय की जानकारी अधिवक्ता हर्ष परगनिहा ने दी है।