RAISEN. रायसेन के उदयपुरा से बीजेपी के पूर्व विधायक भगवत सिंह पटेल की मौत का मामला अब तक अनसुलझा है। बारिश ने उनकी मौत के मामले से जुड़े कई सबूत धो डाले या फिर जानबूझकर साक्ष्य मिटा दिए गए कहा नहीं जा सकता। वहीं उनकी मौत की खबर परिजनों और पुलिस को देने वाला ड्राइवर बिहारी उर्फ छोटू भी संदिग्ध हालत में मृत पाया गया। दोनों ही केस किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करते चले आ रहे हैं लेकिन पुलिस को अभी तक ऐसा कोई ठोस सबूत तक नहीं मिला है जिससे इन दो मौतों का रहस्य सुलझ सके। पूर्व विधायक की मौत सिर पर चोट की वजह से बहे अत्यधिक खून की वजह से होना बताया जा रहा है वहीं उनके ड्राइवर की लाश फांसी के फंदे पर झूलती हुई मिली थी, लेकिन उसके पैर घुटनों के पास रस्सी से बंधे हुए मिले थे।
शक के दायरे में 3 लोग
पूर्व विधायक की मौत के मामले में संदेह सबसे ज्यादा ड्राइवर छोटू केवट पर ही था, लेकिन घटना के 3 दिन बाद उसकी लाश उसके गांव के पास ही बबूल के पेड़ पर लटकी मिली थी। छोटू भगवत सिंह पटेल की मौत के वक्त घर पर ही था, उसने सुबह करीब सवा चार बजे पुलिस को सूचना दी थी। यह बताया था कि जब वह सुबह पेशाब के लिए उठा तो पटेल टॉयलेट के बाहर अचेत अवस्था में गिरे हुए मिले। जबकि पुलिस पड़ताल में जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो छोटू भगवत पटेल के दामाद रघुवीर के साथ घूमता हुआ दिखाई दिया था। सवाल उठा कि जब छोटू जाग रहा था तो उसने पहले ही घटना की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी।
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मामले में दूसरा शख्स जिस पर पुलिस को संदेह है वो शख्स रघुवीर सिंह है, जो कि मृतक पूर्व विधायक का दामाद है। छोटू पहले रघुवीर के यहां ही काम करता था, बाद में उसे देखरेख के लिए रघुवीर ने ही भगवत सिंह के घर रखवाया था। रात सवा दो बजे के करीब घर के पास सीसीटीवी फुटेज में रघुवीर सिंह भी दिखाई दिए थे। भगवत सिंह पटेल 100 एकड़ जमीन के मालिक थे, उन्होंने 17-17 एकड़ जमीन बेटियों के नाम कर दी थी, बाकी जमीन और रुपया पैसा उनके पास ही था। माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी विवाद के चलते तो यह घटना घटित नहीं हुई।
मामले में तीसरा शख्स जिस पर संदेह है उसका नाम दुर्गा है, जो कि पूर्व विधायक के यहां रसोइये का काम करता था। हालांकि दुर्गा रोज काम निपटाने के बाद घर चला जाता था। घटना वाली रात भी वह अपने घर चला गया था। इधर एफएसएल की टीम का कहना है कि घटना वाली रात अत्यधिक बारिश की वजह से मौके पर ज्यादा सुराग नहीं मिल पाए थे। हो सकता है कि बारिश में सारा खून नाली के जरिए बह गया हो। वहीं भगवत सिंह के गले और कान के पास मिला घाव 5 एमएम का है, जो किसी नुकीली वस्तु की चोट से हुआ होना प्रतीत होता है। घाव के हथियार से किए जाने की संभावना न के बराबर है।
इसलिए हो रहा संदेह
इस पूरी घटना को संदेह के तौर पर इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि पीएम रिपोर्ट के मुताबिक मौत रात 12 बजे के आसपास होना पाया गया है। लेकिन ड्रायवर छोटू ने सुबह सवा 4 बजे के करीब घटना की जानकारी लगने की बात पुलिस पूछताछ में बताई। वहीं सीसीटीवी फुटेज में छोटू और रघुवीर रात सवा दो से करीब 3 बजे तक बारिश में ही घर के पास घूमते दिखाई दिए गए हैं। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि जब छोटू और दामाद रघुवीर घर में ही थे और जाग रहे थे, तो फिर उन्होंने शव को सुबह 4.15 बजे क्यों देखा?
छोटू की भी संदिग्ध मौत
इधर घटना के कुछ दिन बाद छोटू की लाश फांसी के फंदे पर लटकी मिली। पुलिस पूछताछ के बाद वह अपने गांव चला गया था, जहां अगले दिन उसके लाश मिली। मृतक के पैर घुटनों के पास बंधे मिले, वहीं रस्सी के फंदे को गर्दन पर उल्टे तौर पर कसा पाया गया। पुलिस इसे सामान्य हैंगिंग की घटना बता रही है। यहां भी सवाल यही है कि आखिर छोटू की मौत से किसको फायदा हो सकता था। उधर छोटू से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ, वह ऐसी हैंडराइटिंग में लिखा है कि उसे पढ़ पाना नामुमकिन बना हुआ है।