BHOPAL. न्यू पेंशन स्कीम के विरोध और पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के साथ-साथ अपनी लंबित मांगों को लेकर विभिन्न केंद्रीय संस्थानों के कर्मचारी अधिकारी मतदान के जरिए जनवरी माह में आहूत अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपना-अपना मत दे रहे हैं। सोमवार को प्रदेश के रक्षा संस्थानों में बैलेट फॉर स्ट्राइक के तहत मतदान संपन्न हुआ। वहीं अब पश्चिम मध्य रेलवे में एनएफआईआर ने रेलवे मजदूर संघ के जरिए मतदान कराया है। पमरे के जोनल के यूनियन पदाधिकारियों ने दावा किया है कि 99.9 फीसदी रेलवे कर्मचारी हड़ताल के पक्ष में हैं। पदाधिकारियों की मानें इस प्रक्रिया के तहत 40 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों ने मतदान में हिस्सा लिया जिसमें 13.2 लाख रेलवे कर्मचारी भी शामिल रहे।
न्यू पेंशन स्कीम का क्यों है विरोध?
दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ा कारण न्यू पेंशन स्कीम है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रावधान के मुताबिक वेतन के आधार पर नई पेंशन नहीं बनती। वेतन से काटी जाने वाली 10 फीसदी राशि, सरकार के 14 फीसदी योगदान से जो राशि जमा होती है, उसमें से 60 फीसदी रिटायरमेंट ग्रेज्युटी समेत अन्य मद के रूम में कर्मचारियों को राशि प्राप्त होती है। बाकी की 40 फीसदी राशि में से पेंशन बनती है। और तो और यह पूरी 24 फीसदी राशि एक कंपनी के पास जमा होती है।
अगस्त में हो गया था फैसला
बता दें कि 10 अगस्त को ज्वाइंट फोरम के तत्वाधान में रामलीला मैदान दिल्ली में हुई रैली में फैसला हुआ था कि हड़ताल का फैसला मतदान से कराया जाएगा। अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं, उससे पहले कर्मचारी संगठन सरकार पर ओल्ड पेंशन लागू करने का दबाव बनाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।
कर्मचारियों की हर महीने होने वाली 12ः कटौती का रिकॉर्ड महालेखाकार कार्यालय रखता है। इसमें 3-4 साल में 50 हजार से ज्यादा गड़बड़ियां मिली हैं। एक कर्मचारी के 2-3 अकाउंट हो गए थे, इन तीनों अकाउंट में राशि जमा हो रही थी। कहीं दो कर्मचारियों के वेतन से हर महीने कटौती अलग-अलग हो रही थी, लेकिन उनका अकाउंट एक था। वहीं हर साल कर्मचारियों की जमा राशि घटती भी जा रही है। साल 2022 में जमा राशि 17968 करोड़ रुपए थी जो 2023 में 17739 करोड़ रुपए हो गई। हालिया वित्तीय वर्ष में यह राशि 17125 करोड़ रह गई है।