संजय गुप्ता, INDORE. सुप्रीम कोर्ट से शर्तों पर 17 महीने से जमानत के मजे ले रहे भूमाफिया अभी भी पीड़ितों के हल निकालने की जगह उलझाने में लगे हुए हैं। कालिंदी गोल्ड कॉलोनी में ही कुछ हल निकल रहे हैं बाकी फिनिक्स और सेटेलाइट का मामला उलझ कर रह गया है और पीड़ितों को राहत देने की जगह भूमाफिया एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोलने पर लगे हुए हैं। ताजा मामला अब भूमाफिया चंपू अजमेरा से जुड़ा सामने आया है, पीड़ितों ने द सूत्र को बताया कि चंपू का कर्मचारी सचिन उन्हें फोन करके फीनिक्स के मामले के लिए कमेटी के सामने आकर बयान देने के लिए बोल रहा है। एक पीड़ित ने कहा कि मुझे इस नंबर 9981142372 से फोन आया और कहा कि कमेटी के सामने आकर बोल दो कि मुझे प्लाट नहीं मिला।
क्यों बोलने के लिए बोल रहे प्लॉट नहीं मिला
चंपू के कर्मचारी यह बोलने के लिए पीड़ितों को बोल रहे हैं कि प्लॉट नहीं मिला। इसका कारण दरअसल यह है कि फीनिक्स में मुख्य कर्ताधर्ता चंपू अजमेरा है, उसने अपने मामले चिराग शाह पर डालने के लिए पीड़ितों को फोन किए हैं, ताकि चंपू और चिराग की लड़ाई में कमेटी उलझ कर रह जाए और वह जिम्मेदारी से बच निकले या फिर कमेटी उसके साथ चिराग को भी इन प्लॉट के लिए जिम्मेदार मानकर उसके खिलाफ आदेश जारी करें। ऐसे में उसके लिए भी बचने की गली निकल जाएगी।
कौन है फोन करने वाला
जिस नंबर से फोन गया है वह सचिन का नंबर है। सचिन चंपू का कर्मचारी है, जो हाईकोर्ट कमेटी के सामने चल रही सुनवाई के दौरान भी हमेशा चंपू के साथ रहता है और सारे दस्तावेज उसके पास ही रहते हैं। कमेटी की सुनवाई के दौरान कई बार चंपू द्वारा उसे नाम लेकर बुलाया गया है और सारे दस्तावेज लेकर वही आता है। पहले भी प्रशासन और अन्य रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि चंपू ने अपने कर्मचारियों को विविध कंपनियों को डायरेक्टर बनाकर पूरा खेल किया है। इसमें रजत, महावीर जैन, निकुल कपासी जैसे कई लोग शामिल है।
कमेटी भी होने लगी है परेशान, नहीं मांगेगी समय
उधर कमेटी भी अब परेशान होने लगी है, सारे प्रयासों के बाद भी बहुत अधिक हल नहीं निकल रहे हैं और आपस में सभी भूमाफिया एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। इसमें चंपू, चिराग और हैप्पी धवन के बीच आपस में कहानी उलझ कर रह गई है। चिराग ने फिनिक्स के मामले में अपना कोई भी हिस्सा नहीं होने की बात कहते हुए निराकरण करने से साफ इंकार कर दिया है। वहीं हैप्पी ने कई प्लॉट नकद में डायरी पर सौदे कर बेचे और अब उनके रिफंड से बच रहा है। इसी तरह चंपू कालिंदी में अपना हाथ होने से बचकर कोई निराकरण करना नहीं चाहता और फिनिक्स में वह चिराग और मित्तल को तो सेटेलाइट में कैलाश गर्ग को बीच में लाकर मामले को उलझाने में लगा हुआ है। कुल मिलाकर पीड़ित ही परेशान है। कमेटी कई बार सभी को यह बोल चुकी है कि हम लिखकर दे देंगे कि कोई सहयोग नहीं कर रहा है और जमानत निरस्त की जाए। इस पर भी ज्यादा असर इन सभी को नहीं हुआ है। कमेटी को नौ अगस्त को होने वाली सुनवाई के पहले रिपोर्ट बनानी है, कमेटी कह चुकी है कि वह अब अधिक समय हाईकोर्ट से नहीं मांगेगी।